फिल्म: आर्टिकल 370
कलाकार : यामी गौतम, प्रियामणि, अरुण गोविल, किरण कर्मारकर, वैभव तत्ववादी
निर्देशक :आदित्य सुहास जांभले
‘आर्टिकल 370’ का ट्रेलर देखने के बाद सबसे पहली बात दिमाग में यही आई थी कि सरकार के फैसलों की गाथा गाने वाली एक और फिल्म देखनी पड़ेगी! और ऐसा फील होने में अब दर्शकों की कोई खास गलती भी नहीं है, क्योंकि पिछले कुछ समय में इस तरह की इतनी फिल्में आ चुकी हैं कि बॉलीवुड खुद अपना एक ‘राजनीति शास्त्र विभाग’ बना सकता है.
खैर, भारी रिस्क के साथ फिल्म देखी गई और पाया गया कि अगर ‘पॉलिटिकल फैसले पर बेस्ड फिल्म’ वाली बात को थोड़ा साइड रखकर देखा जाए तो ‘आर्टिकल 370’ एंगेज करने में तो कामयाब होने वाली फिल्म है. प्रोड्यूसर आदित्य धर की ये फिल्म बिल्कुल उसी जोन में ऑपरेट करती है, जिसमें उनकी खुद की डायरेक्ट की हुई ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ थी. ‘आर्टिकल 370’ सरकार के एक ऐतिहासिक फैसले, उस फैसले को ग्राउंड पर लागू करने वाले लोगों, फैसले के पीछे की प्लानिंग-प्लॉटिंग और बिना किसी को कानोंकान खबर हुए उसके कामयाब होने को सेलिब्रेट करती है.
Review
फिल्म का पहला हाफ थोड़ा स्लो है और एक मोमेंटम बनने में समय लगता है। दूसरा पार्ट ज्यादा फोकस है और फिल्म को अच्छे से दर्शकों को परोसा गया है। फिल्म का क्लाइमेक्स काफी अच्छा है जो 30 मिनट लंबा है। कुछ डायलॉग थोड़े सुने हुए लगेंगे, लेकिन कई जगह आपको ऐसी जबरदस्त लाइन्स सुनने को मिलेंगी जिनकी आप तारीफ जरूर करेंगे। प्रभावशाली राइटिंग के साथ शानदार स्क्रीनप्ले है। शिवकुमार वी पैनिकल की एडिटिंग काफी तारीफ के काबिल है।
हालांकि आर्टिकल 370 का ज्यादातर पार्ट वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है, लेकिन कोई भी क्रिएटिव लाइबर्टीज को नजरअंदाज नहीं कर सकता जो मेकर्स ने कई बार ली है जैसे यामी और उनके साथी के बीच ओवर ड्रामा वाला एक्शन सीक्वेंस और जब ग्रेनेड अटैक के दौरान यामी की एक साथी बच जाती है।
Performance
यामी ने काफी दमदार काम किया है। उन्होंने अपना एक्शन और डायलॉग डिलीवरी बहुत ही परफेक्टली किया है। खासकर वो सीन जब वह वर्दी में खड़े साथी पुरुषों के लिए खड़ी होती है। प्रियामणि ने भी यामी की तरह पावरफुल परफॉर्मेंस दी है। दोनों एक्ट्रेसेस ने मिलकर अपनी मेहनत से फिल्म को खास बनाया है। यह फिल्म आगे डायरेक्टर्स को मोटिवेट करेगी महिलाओं के लिए ऐसे ही स्ट्रॉन्ग किरदार रखने के लिए।
बाकी की कास्ट की बात करें तो अरुण गोविल ने पीएम मोदी और किरण करमारकर ने अमित शाह का किरदार निभाया है। प्रोस्थेटिक्स से उनके किरदार को अट्रैक्टिव बनाने से लेकर डायलॉग डिलीवरी तक दोनों ने किरदार परफेक्टली निभाया।
बुरहान वानी की कहानी से शुरू होती कश्मीर की कहानी
यामी गौतम स्टारर इस फिल्म को डायरेक्टर आदित्य सुहास जांभले ने चैप्टर वाले स्टाइल में ट्रीट किया है. ये चैप्टर कश्मीर के बुरहान वानी एपिसोड से शुरू होते हैं और पुलवामा हमले से होते हुए आगे बढ़ते हैं. आखिरकार ये वहां पहुंचते हैं, जहां भारत सरकार का एक फैसला कश्मीर की तकदीर बदलने के लिए तैयार है.
क्या भला-क्या बुरा
‘आर्टिकल 370’ रियलिटी और फिक्शन के बीच की लकीर पर बड़ी चतुराई से चलती है. पॉलिटिकल समझ और असल घटनाओं को पूरे फैक्ट्स के साथ देखने वाले लोगों को फिल्म में बहुत गलतियां मिल सकती हैं. मगर ये तो अब हम सभी जानते हैं कि इस तरह की फिल्मों में फैक्ट्स वो आखिरी चीज हैं जिनपर फोकस किया जाता है. लेकिन ‘आर्टिकल 370’ की खासियत यही है कि इसका पूरा ड्रामा बड़ी कलाकारी के साथ रचा गया है और थ्रिलिंग तरीके से आगे बढ़ता है.
यामी गौतम का काम इस फिल्म में इतना दमदार है कि ‘आर्टिकल 370’ को उनकी करियर बेस्ट परफॉरमेंस कहा जा सकता है. क्लोज-अप्स में उनकी आंखें चेहरे के एक्सप्रेशन और आवाज बेहतरीन असर करते हैं. राजेश्वरी एक रोल में प्रियामणि भी बहुत दमदार लगती हैं.
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