कड़ाके की ठंड को देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही पटना समेत कई जिलों के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 8वीं क्लास तक शैक्षणिक गतिविधियों को रोक दिया है.
इन दिनों बिहार भीषण कोहरे की चपेट में है. बर्फीली हवा से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से भी लोगों को घर में ही रहने की सलाह दी गई है. बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखने को लेकर एडवाइजरी जारी हुई है. इसी कड़ाके की ठंड को देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही पटना समेत कई जिलों के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 8वीं क्लास तक शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है.
आईसीडीएस (ICDS) के निदेशक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में अत्यधिक ठंड का प्रकोप जारी है. जिससे छोटे-छोटे बच्चे समय अनुसार केंद्र पर उपस्थित होने से प्रभावित हो सकते हैं. उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार साल में 300 दिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण करना अनिवार्य है. इन चीजों पर विचार करते हुए 18 जनवरी तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को निर्देश दिए गए हैं कि 03-06 साल के बच्चों को उनके घर जाकर खाद्य सामग्री मुहैया करवाएं.
पटना में भी बंद है स्कूल
पिछले दो दिनों से बिहार के अधिकांश जिलों में शीत दिवस दर्ज किया जा रहा है. इसको देखते हुए पटना के जिलाधिकारी ने 16 जनवरी तक सभी निजी और सरकारी स्कूलों में वर्ग 8 तक सभी शैक्षणिक गतिविधियों को रोक लगा दी है. इसका मतलब यह हुआ कि 13 जनवरी से 16 जनवरी तक पटना जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल वर्ग आठ तक बंद रहेंगे. इसके अलावा वर्ग 9, 10, 11 और 12 के स्कूल टाइमिंग में बदलाव किया गया है. पटना के अलावा अधिकांश जिलों का हाल यही है.