Bihar Viral News: विज्ञान विषय के प्रैक्टिकल परीक्षा में मनचाहा नम्बर देने के लिए छात्रों से 500 रुपया वसूले जा रहे हैं. मामला के भंगिया हाई स्कूल का है. इसका वीडियो वायरल है. डीईओ ने मामले की पुष्टि करते हुए प्रिसिपल को निंलबित करने का आदेश दिया है.
बिहार की शिक्षा व्यवस्था को खुद टीचर और प्रिंसिपल ही पलीता लगा रहे हैं. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं. यह वायरल वीडियो में आप देख सकते हैं. यह वायरल वीडियो गया के डुमरिया प्रखंड के भंगिया हाई स्कूल की बताई जा रही है. जिसमें विज्ञान विषय मेंमैट्रिक के प्रैक्टिकल में पैसे लेकर नंबर बढ़ाने की बात कही जा रही है. वहीं पैसा नहीं देने वालों को कम नंबर देने को कहा गया है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया है.
बता दें कि इन दिनों बिहार के सरकारी स्कूलों में मैट्रिक की प्रैक्टिकल परीक्षा चल रही है. परीक्षा के प्रोग्राम बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से जारी किए गए हैं, और इसके लिए सभी स्कूलों में कॉपियां भी मुहैया करायी गई हैं.
प्रिंसिपल पर 500 रुपया लेने का है आरोप
विज्ञान विषय की प्रैक्टिकल परीक्षा में मनचाहा नम्बर देने के लिए छात्रों से खुलेआम पैसे वसूले जा रहे हैं. गया के डुमरिया प्रखंड क्षेत्र स्थित भंगिया हाई स्कूल में छात्रों से प्रैक्टिकल की परीक्षा में अधिक नंबर देने के लिए प्रिंसिपल पर 500 रुपये लेने का आरोप है. छात्रों से पैसा लेने का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें देखा जा रहा है कि स्कूल के प्रिंसिपल बच्चों से प्रैक्टिकल कॉपी जमा कराने के बाद पैसा ले रहे हैं. हालांकि लोकल 18 इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
पैसे देने वालों को 40 और नहीं देने वालों को 5 नंबर
स्कूल के बच्चों के द्वारा बताया गया कि प्रिंसिपल द्वारा पैसा नहीं देने वाले को पांच नंबर जबकि पैसा देने वाले को 40 नंबर देने को कहा गया है. इससे पहले भी यहां के प्रिंसिपल के द्वारा प्रैक्टिकल के नाम पर बच्चों से पैसा के वसूली की जाती रही है. स्कूल के अन्य शिक्षकों के द्वारा इसका विरोध किया गया, उसके बाद बच्चों ने इसके बाद विद्यालय में हंगामा भी किया, लेकिन प्रिंसिपल के द्वारा शिक्षकों को भी नौकरी कीदुहाई देते हुए धमकाया गया है.
क्या कहते हैं शिक्षक
स्कूल के एक शिक्षक के द्वारा बताया गया कि पिछले 6 साल से यहां के प्रधानाचार्य के द्वारा प्रैक्टिकल के नाम पर बच्चों से पैसा लिया जा रहा है. प्रैक्टिकल की परीक्षा शिक्षकों के द्वारा किया जाना होता है, लेकिन प्रधानाचार्य खुद इसकी जिम्मेवारी उठाते हैं. बच्चों से इसके नाम पर पैसा वसूलते हैं. जो बच्चे पैसा नहीं देते उन्हें कम अंक दिया जाता है. इन्होंने बताया कि विद्यालय में लगभग 500 नामांकन है. जिसमें मैट्रिक में सिर्फ 150 बच्चे हैं.
दिया निलंबित करने का आदेश
इस संबंध में जब हमने गया के जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम से बात की तो उन्होंने बताया कि इस तरह का मामला हमारे संज्ञान में आया है.उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया गया है.