
8th Pay Commission के फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चा और अटकलें काफी तेज हैं। लेकिन, यह भी एक अहम सवाल है कि 7वें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर कैसे तय किया? आइए इसका जवाब जानते हैं। साथ ही, यह भी समझेंगे कि 8वें वेतन आयोग में विशेषज्ञ कितना फिटमेंट फैक्टर मान रहे हैं।
8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग (8th CPC) के लागू होने से पहले केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स में फिटमेंट फैक्टर को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है. यह फैक्टर तय करेगा कि उनकी मौजूदा सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी. वैसे तो 8वें वेतन आयोग की फाइनल रिपोर्ट आने में समय लगेगा, लेकिन उससे पहले यह समझना जरूरी है कि 7वें वेतन आयोग (7th CPC) ने किस आधार पर 2.57 का फिटमेंट फैक्टर तय किया था. इसे 2.5 या 2.8 पर क्यों नहीं तय किया?
2.57 का फिटमेंट फैक्टर कैसे आया?
7वें वेतन आयोग ने सिफ़ारिश की थी कि 6वें वेतन आयोग के तहत लागू ₹7000 के न्यूनतम वेतन को 2.57 से गुणा किया जाए। इसके परिणामस्वरूप ₹18,000 का नया न्यूनतम वेतन प्राप्त हुआ। यह गणना सिर्फ़ एक साधारण वृद्धि नहीं थी बल्कि इसके पीछे एक व्यापक विश्लेषण और लागत संरचना थी।
1957 की सिफारिशों के आधार पर गणना
7वें वेतन आयोग ने 1957 के 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) की सिफारिशों के आधार पर न्यूनतम वेतन तय किया। इसके तहत एक परिवार (तीन सदस्यों वाले) की बुनियादी ज़रूरतों जैसे अनाज, दालें, सब्ज़ियाँ, फल, दूध, चीनी, मांस आदि की लागत ₹9217.99 तय की गई। इसमें जोड़े गए अन्य खर्च इस प्रकार थे:
- ईंधन, बिजली, पानी: ₹2304.50
- विवाह, मनोरंजन, त्यौहार: ₹2033.38
- शिक्षा और कौशल विकास: ₹3388.97
- आवास व्यय: ₹524.07
इन सभी को मिलाकर कुल राशि ₹17,468.91 हुई। इसमें महंगाई भत्ते (125%) के अनुमान के अनुसार ₹524.07 का अतिरिक्त 3% जोड़ा गया। इस प्रकार, कुल राशि ₹17,992.98 हुई, जिसे ₹18,000 के बराबर कर दिया गया।
फिटमेंट फैक्टर कैसे तय किया गया?
7वें वेतन आयोग ने स्पष्ट किया कि 1 जनवरी 2016 को किसी भी स्तर पर किसी कर्मचारी का वेतन (Pay Band+Grade Pay) नए वेतन ढांचे में 2.57 से गुणा करके तय किया जाएगा। इस 2.57 में से 2.25 हिस्सा महंगाई भत्ते और मूल वेतन के विलय के रूप में दिखाया गया। वहीं, बाकी हिस्सा वास्तविक वेतन वृद्धि माना गया।
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर एक गुणक है, जिसे मौजूदा मूल वेतन से गुणा करके नए वेतन आयोग के तहत संशोधित वेतन तय किया जाता है। यह एक तरह का संकेतक है कि कर्मचारियों के कुल वेतन में कितनी वृद्धि होगी।
इसमें महंगाई भत्ता (DA), मूल वेतन और कुछ अतिरिक्त भत्तों को मिलाकर संयुक्त रूप में नए वेतन की गणना की जाती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का वर्तमान मूल वेतन ₹10,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, तो नया वेतन ₹25,700 होगा।
अब 8वें वेतन आयोग पर है निगाहें
केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। अब सबकी निगाहें वेतन आयोग के सदस्यों के गठन पर टिकी हैं, जिसकी घोषणा इसी महीने होने की उम्मीद है। 8वें वेतन आयोग में क्या फिटमेंट तैयार हो सकता है, इस पर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की निगाहें टिकी हैं। जानकारों के मुताबिक इस बार फिटमेंट फैक्टर कम से कम 1.92 से 2.86 रहने की उम्मीद है।
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