आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 10 से 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की मांग अवास्तविक है।
भारत में इस समय सरकारी कर्मचारियों में थोड़ी बेचैनी है। वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन की समीक्षा करता है और बढ़ोतरी की सिफारिश करता है। फिलहाल आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर चर्चा शुरू हो गई है। बेशक वेतन आयोग ये सिफारिशें केंद्रीय वित्त मंत्रालय को देता है और फिर उन पर फैसला लिया जाता है। कल यानी 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश का बजट पेश करेंगी। उससे पहले बताया जा रहा है कि वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में सिर्फ 10 से 30 फीसदी बढ़ोतरी की सिफारिश की थी, जिसकी वजह से सरकारी कर्मचारी चिंतित हैं।
केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी है। अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.86 हो जाएगा और इस हिसाब से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 186 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। लेकिन पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि 2.86 का फिटमेंट फैक्टर मांगना चांद मांगने जैसा है। इसका मतलब यह है कि इस 8वें वेतन आयोग के हिसाब से इतना फिटमेंट फैक्टर मिलना संभव नहीं है।
वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी?
पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के अनुसार, आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.08 हो सकता है। इस हिसाब से केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन में न्यूनतम 10 से अधिकतम 30 फीसदी की बढ़ोतरी की संभावना है। सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी था, लेकिन वेतन में सिर्फ 14.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
10 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद वेतन कितना होगा?
अगर केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन में कम से कम 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाए तो यह बढ़कर 30,420 रुपये प्रति माह हो जाएगा। चलिए गणित लगाते हैं:
फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये प्रति माह है। उन्हें 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) मिलता है। आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद उन्हें 3-3 प्रतिशत के दो और डीए मिलेंगे, जिससे भत्ता बढ़कर 59 प्रतिशत हो जाएगा।
आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सातवें वेतन आयोग के अनुसार न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये होगा और महंगाई भत्ता 59 प्रतिशत होगा। इसमें 10 प्रतिशत वृद्धि के आधार पर न्यूनतम मासिक वेतन की गणना इस प्रकार होगी, 18000 + 69% = 30,420 रुपये। इसी तरह, यदि अधिकतम 30 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश की जाती है, तो नया वेतन 34,020 रुपये प्रति माह होगा।
फिटमेंट फैक्टर कहां से आया?
आठवें वेतन आयोग को मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय संयुक्त सलाहकार परिषद के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि नया वेतन आयोग कम से कम 2.86 के फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर सकता है। इससे केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 186 फीसदी की भारी बढ़ोतरी हो सकती है।
अगर सरकार 2.86K फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी देती है तो प्रति महीने न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगी। साथ ही पेंशनर्स की पेंशन 9,000 रुपये बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।
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