women reservation bill : नीतीश कुमार ने बताया बिहार में कैसे हो रही ‘खामोश क्रांति’?

0
530

Women’s Reservation Bill News: महिला आरक्षण बिल के समर्थन में खड़े बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर बिहार में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को लेकर पूरी विस्तृत जानकारी दी है. सीएम नीतीश ने यह बताने कि कोशिश की है कि वह बिहार में शुरू से ही ‘खामोश क्रांति’ कर रहे हैं जिसने महिलाओं के जीवन में काफी परिवर्तन किया है.

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Follow Now

पटना. संसद एवं विधानसभाओं में महिलाओं को कम से कम 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित कराने को लेकर केंद्र की सरकार ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ लेकर आई है. इसक लेकर संसद में चर्चा चल रही है. कई पार्टियों में मतभेदों के बावजूद इस विधेयक के संसद से पास होकर कानून बन जाने की पूरी संभावना है. इस बिहार की सत्ता में साझीदार दो पार्टियां राजद और जदयू के स्टैंड इसको लेकर अलग हैं. राजद इसके वर्तमान प्रावधानों के विरोध में है तो वहीं जदयू कुछ मांगों के साथ इस बिल के समर्थन में खड़ी है. जदयू नेता व बिहार के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आरक्षण को लेकर संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागतयोग्य कदम है और उसका समर्थन करते हैं.

इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर बिहार में विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को लेकर पूरी विस्तृत जानकारी दी है. दरअसल, सीएम नीतीश ने यह बताने कि कोशिश की है कि वह बिहार में शुरू से ही ‘खामोश क्रांति’ कर रहे हैं जिसने महिलाओं के जीवन में काफी परिवर्तन किया है. सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट में कहा, हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं और बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं.

पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण

सीएम नीतीश ने लिखा, वर्ष 2006 से हमने पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. आज बिहार पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी देश में सर्वाधिक है.

संसद में जो महिला आरक्षण बिल लाया गया है, वह स्वागत योग्य कदम है।

हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं और बिहार में हमलोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। वर्ष 2006 से हमने पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया।

मेडिकल-इंजीनियरिंग नामांकन में 33 प्रतिशत आरक्षण

सीएम नीतीश ने आगे लिखा, बिहार में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के अन्तर्गत नामांकन में न्यूनतम 33 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित की गयी हैं. ऐसा करनेवाला बिहार देश का पहला राज्य है. हमलोगों ने वर्ष 2006 में राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए परियोजना शुरू की जिसका नामकरण ”जीविका” किया. बाद में तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा इसकी तर्ज पर महिलाओं के लिए आजीविका कार्यक्रम चलाया गया. बिहार में अब तक 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है जिसमें 1 करोड़ 30 लाख से भी अधिक महिलाएं जुड़कर जीविका दीदियां बन गयी हैं.

नीतीश कुमार ने कहा- जनगणना समय से होना था

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, हमारा मानना है कि संसद में महिला आरक्षण के दायरे में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की तरह पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए भी आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए. प्रस्तावित बिल में यह कहा गया है कि पहले जनगणना होगी तथा उसके पश्चात निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन होगा तथा इसके बाद ही इस प्रस्तावित बिल के प्रावधान लागू होंगे. इसके लिए जनगणना का काम शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए. जनगणना तो वर्ष 2021 में ही हो जानी चाहिए थी परन्तु यह अभी तक नहीं हो सकी है.

जातिगत गणना की नीतीश कुमार की मांग

नीतीश कुमार ने आगे लिखा, जनगणना के साथ जातिगत जनगणना भी करानी चाहिए तभी इसका सही फायदा महिलाओं को मिलेगा. यदि जातिगत जनगणना हुई होती तो पिछड़े एवं अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था को तुरंत लागू किया जा सकता था.

 

Disclaimer

This is a kind of entertainment news website, on which we pick up all kinds of information from different web sites and present it to the people, if there is any mistake by us, then you can contact us, we will try and make this website even better.