
ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने इस वित्तीय वर्ष में भारतीय पर्यटकों और छात्रों के लिए वीजा शुल्क में वृद्धि की है। यह शुल्क अप्रैल 2025 से लागू किया गया है। दोनों देशों की बढ़ी हुई वीजा फीस के कारण छात्रों, कार्यरत अधिकारियों और पर्यटकों को अब इन देशों में जाने के लिए अधिक खर्च करना पड़ेगा। इस वृद्धि का सबसे अधिक असर छात्रों और कामकाजी पेशेवरों पर पड़ने वाला है।
आइए जानते हैं इस बढ़ोतरी का भारतीय छात्रों पर क्या असर पड़ने वाला है. पहले ब्रिटेन जाने वाले छात्रों को 490 पाउंड (करीब 54,238 रुपये) वीजा फीस देनी होती थी. जिसे अब बढ़ाकर 524 पाउंड (करीब 58,002 रुपये) कर दिया गया है. इसका सीधा मतलब है कि अब ऑस्ट्रेलिया जाने वाले छात्रों को पहले से ज्यादा खर्च करना होगा. विदेश में पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों के लिए ये बड़ी बढ़ोतरी है. क्योंकि इसका सीधा असर उनके बजट पर पड़ेगा. आपको बता दें कि ट्यूशन में पहले ही बढ़ोतरी की जा चुकी है और रहने-खाने का खर्च भी बढ़ जाएगा.
कुशल श्रमिकों पर बुरा असर
आईटी, मेडिकल और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीय पेशेवर अक्सर बेहतर करियर विकल्पों के लिए इन देशों का रुख करते हैं। वीजा शुल्क में वृद्धि से विदेश में करियर बनाने के उनके सपने प्रभावित हो सकते हैं। जो पेशेवर इन देशों में काम करना चाहते हैं, उन्हें अस्थायी और स्थायी वीजा पर बढ़ी हुई फीस देनी होगी, इसलिए वे अन्य देशों पर विचार कर सकते हैं जहां वीजा शुल्क कम है।
पर्यटन पर असर
छात्रों और कामकाजी पेशेवरों के अलावा इसका सीधा असर पर्यटकों पर भी पड़ेगा। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया भारतीय पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से हैं। बढ़ी हुई फीस के बाद संभव है कि पर्यटक दूसरे देशों का रुख करें। हालांकि, इससे ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया दोनों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। क्योंकि इन दोनों देशों की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा पर्यटन पर आधारित है। ऐसे में बढ़ी हुई फीस के कारण भारतीय पर्यटक अपना मन बदल सकते हैं।
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