New Rules: SEBI ने नियम में बदलाव कर दिया है. अगर आपने भी म्यूचुअल फंड में निवेश किया है तो पढ़िए क्या है ये.
केवाईसी (KYC) के प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए नियमों में ढील की घोषणा की है. सेबी ने एनआरआई (NRI) के लिए अपनी केवाईसी (KYC) आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक साल की छूट का विस्तार किया है.
इसका मतलब है कि एनआरआई (NRI) के पास अब अपना केवाईसी (KYC) पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय है. सेबी ने एनआरआई (NRI) को 30 अप्रैल 2025 तक केवाईसी (KYC) के लिए अपने आधार का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है.
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने वालों को ईमेल या मोबाइल वेरिफिकेशन या दोनों के माध्यम से वैलिडेट किया जाएगा, जिससे वैलिडेशन प्रोसेस आसान हो जाएगा. नॉन- वेरिफाइड निवेशकों को अपने निवेश को भुनाने की अनुमति दी जाएगी.
ये बदलाव उन निवेशकों के लिए राहत लेकर आए हैं जिनकी केवाईसी (KYC) स्थिति मौजूदा समय में ‘होल्ड पर’ है, जिससे उन्हें रिडेम्पशन के माध्यम से अपने फंड तक पहुंचने की अनुमति मिलती है.
अकाउंट्स में पहले बिजली बिल, टेलीफोन बिल और बैंक अकाउंट स्टेटमेंट (Bank Account Statement) जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल करके केवाईसी प्रोसेस किया जाता था, लेकिन सेबी के लेटेस्ट निर्देश के तहत, ये दस्तावेज अब केवाईसी (KYC) के लिए अमान्य हो गए हैं.
केवाईसी (KYC) के लिए आधिकारिक तौर पर वैध दस्तावेजों में आधार कार्ड, पासपोर्ट और वोटर आईडी कार्ड (ID Card) शामिल है. इन नई छूटों के बावजूद, इन बदलावों के इम्प्लिमेंटेशन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.
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