Rent Agreement : किराए पर एग्रीमेंट साइन कर रहे हैं, इन 10 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो दिक्कत में आ जाएंगे

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Rent Agreement : किराए पर एग्रीमेंट साइन कर रहे हैं, इन 10 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो दिक्कत में आ जाएंगे
Rent Agreement : किराए पर एग्रीमेंट साइन कर रहे हैं, इन 10 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो दिक्कत में आ जाएंगे

Rent Agreement: आज के समय में घर खरीदना आसान नहीं है। ऐसे में ज्यादातर लोग किराए पर रहना पसंद करते हैं। हालांकि, जब आप घर किराए पर लेते हैं, तो आपको मकान मालिक के साथ रेंट एग्रीमेंट करना पड़ता है। 

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जब भी कोई रिहायशी प्रॉपर्टी किराए पर दी जाती है, तो मकान मालिक यानी घर का मालिक रेंट एग्रीमेंट में जरूरी क्लॉज शामिल करता है, ताकि किराएदार उसके साथ धोखाधड़ी न कर सके। कई बार लोग रेंट एग्रीमेंट में कुछ गलतियां कर देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें बाद में परेशानी का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे प्वाइंट्स के बारे में, जिन्हें किराएदार को रेंट एग्रीमेंट में जरूर शामिल करना चाहिए।

1- मकान का किराया कितना है?

किसी भी रेंट एग्रीमेंट का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु किराए की राशि होती है। रेंट एग्रीमेंट में किराए की राशि बिल्कुल सही होनी चाहिए। यह राशि आपको चुकानी ही होगी। अगर एग्रीमेंट में सही राशि नहीं लिखी है, तो इससे आपके और मकान मालिक के बीच परेशानी हो सकती है। पहले से तय कर लेना ज़रूरी है कि किराए में मेंटेनेंस फीस, पार्किंग चार्ज आदि शामिल है या नहीं।

2- सिक्योरिटी डिपॉजिट

सभी मकान मालिक किराएदार से सिक्योरिटी डिपॉजिट लेते हैं ताकि अगर उसकी वजह से प्रॉपर्टी को कोई नुकसान होता है तो उसकी भरपाई की जा सके। इससे मकान मालिक को यह भी फायदा होता है कि अगर किराएदार अपना किराया नहीं दे पाता है तो वह पैसा सिक्योरिटी डिपॉजिट से काट लिया जाएगा। वैसे तो रेंट एग्रीमेंट में सिक्योरिटी डिपॉजिट की रकम भी दिखाई जाती है, लेकिन एग्रीमेंट करते समय उसे वापस लेने की बात जरूर लिखें। किराएदार को रेंट एग्रीमेंट में यह बात शामिल करनी चाहिए कि जब वह प्रॉपर्टी छोड़कर जाएगा तो मकान मालिक उसे सिक्योरिटी डिपॉजिट की रकम वापस कर देगा। अगर किराएदार की वजह से प्रॉपर्टी को कोई नुकसान होता है तो उसे इससे एडजस्ट किया जा सकता है।

3- लॉक-इन पीरियड और रेंट एग्रीमेंट समाप्ति

रेंट एग्रीमेंट में दोनों पक्षों को बराबर समय दिया जाना चाहिए जिसके भीतर वे घर छोड़ने का नोटिस दे सकें। किराएदार को अपनी सुविधा के अनुसार रेंट एग्रीमेंट में नोटिस पीरियड पर बातचीत करनी चाहिए। कुछ रेंट एग्रीमेंट में लॉक-इन पीरियड भी होता है जिसके तहत उससे पहले रेंट एग्रीमेंट को समाप्त नहीं किया जा सकता। ऐसे में अगर किराएदार बीच में ही घर छोड़ भी देता है तो उसे पूरी रकम चुकानी होगी। कमर्शियल प्रॉपर्टी में लीज डीड बनाते समय अक्सर ऐसी शर्तें रखी जाती हैं। हालांकि अगर आप कोई रिहायशी प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो ऐसी शर्तों से बचना चाहिए और अगर ऐसी कोई शर्त है तो उसे हटा देना चाहिए। अगर यह तय हो गया है कि आपको लंबे समय तक वहां रहना है और उससे पहले घर नहीं छोड़ सकते तो आप रेंट एग्रीमेंट में लॉक-इन पीरियड भी शामिल कर सकते हैं।

4- सामान्य टूट-फूट

समझौते में यह स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए कि किस तरह के नुकसान के लिए किराएदार जिम्मेदार होगा। किराए के समझौते में यह क्लॉज जरूर शामिल करें कि सामान्य टूट-फूट के लिए किराएदार जिम्मेदार नहीं होगा, किराएदार को केवल बड़ी क्षति होने पर ही भुगतान करना होगा। लंबे समय तक कहीं रहने पर कुछ सामान्य तरह की टूट-फूट होती है, जिसके लिए किराएदार को भुगतान नहीं करना चाहिए।

5- घर में उपलब्ध सुविधाओं की पूरी सूची

जब आप रेंट एग्रीमेंट बनवाएं तो घर में उपलब्ध सुविधाओं की पूरी सूची जरूर शामिल करें। घर में दिए जाने वाले सभी उपकरणों को इसमें शामिल करें। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो आपको परेशानी हो सकती है। हो सकता है कि शुरुआत में आपको कम सुविधाएं दी गई हों, लेकिन किसी गलतफहमी के कारण मकान मालिक को लगे कि आपको ज्यादा सुविधाएं दी गई हैं। ऐसे में मकान मालिक आपसे वो उपकरण भी वसूल सकता है, जो उसे दिखाई नहीं देंगे। उदाहरण के लिए हो सकता है कि आपको सिर्फ एक बाथरूम में गीजर की सुविधा मिली हो, लेकिन बाद में मकान मालिक कह सकता है कि उसने दोनों बाथरूम में गीजर लगवाए थे।

6- कोई बकाया नहीं होना चाहिए

जब आप रेंट एग्रीमेंट बनवाएं तो ध्यान रखें कि जिस घर को आप किराए पर ले रहे हैं, उस पर कोई बिल बकाया नहीं होना चाहिए। यह बिजली का बिल हो सकता है या सोसायटी मेंटेनेंस या पानी का बिल आदि। अगर आप शुरुआत में इस बारे में नियम नहीं बनाते हैं तो हो सकता है कि आपको इसका भी भुगतान करना पड़े। 7- किराए का नवीनीकरण और उसमें वृद्धि

रेंट एग्रीमेंट में यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि रेंट एग्रीमेंट का नवीनीकरण कब किया जाना है। साथ ही नवीनीकरण के समय किराए में कितनी वृद्धि की जानी है, इसके नियम पहले से तय होने चाहिए। रेंट एग्रीमेंट में इस क्लॉज को भी शामिल करना सुनिश्चित करें।

8- रेंट एग्रीमेंट बनवाने का खर्च

जब रेंट एग्रीमेंट बनवाया जाता है, तो उसमें एक खर्च शामिल होता है। आपको पहले से तय करना होगा कि रेंट एग्रीमेंट बनवाने का खर्च कौन उठाएगा। अक्सर मकान मालिक खुद ही यह खर्च वहन करता है, लेकिन कई मामलों में रेंट एग्रीमेंट बनवाने का खर्च किराएदार से लिया जाता है।

9- संपत्ति का उपयोग

रेंट एग्रीमेंट बनाते समय यह भी स्पष्ट कर देना चाहिए कि आप जो संपत्ति ले रहे हैं उसका उपयोग किस उद्देश्य से किया जा सकता है। अगर आप किराए की संपत्ति का किसी खास उद्देश्य से उपयोग करना चाहते हैं तो उसे पहले ही रेंट एग्रीमेंट में शामिल कर लें, नहीं तो बाद में दिक्कत हो सकती है।

10- प्रतिबंधों की जानकारी

रेंट एग्रीमेंट में यह लिखना जरूरी है कि किन चीजों पर रोक है। अक्सर मकान मालिक जिस व्यक्ति को घर किराए पर देता है, उसे किसी और को किराए पर देने की अनुमति नहीं देता। कई बार लोग घर किराए पर लेकर उसे अंदर से रिनोवेट करना शुरू कर देते हैं, लेकिन कुछ मकान मालिक इसकी अनुमति नहीं देते। ऐसी सभी बातें रेंट एग्रीमेंट में जरूर लिखनी चाहिए।

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