इसमें दो निजी और एक सार्वजनिक बैंक शामिल हैं और ग्राहक सेवा, केवाईसी और ऋण वितरण से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने पर यह कार्रवाई की गई है।
बैंकिंग क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहक सेवा, KYC और लोन वितरण से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के लिए तीन प्रमुख बैंकों पर कुल 1 करोड़ 29 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें दो निजी और एक सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक शामिल है। हालांकि, RBI ने स्पष्ट किया है कि इस जुर्माने का बैंकों के ग्राहकों पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) पर 29.60 लाख का जुर्माना
PNB ने निष्क्रिय खातों में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर गलत तरीके से जुर्माना लगाया था। इसकी जानकारी मिलने के बाद RBI ने 4 अप्रैल 2025 को एक आदेश जारी कर बैंक पर 29.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत की गई है।
IDFC First Bank पर 38.60 लाख रुपये का जुर्माना
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर आरबीआई ने कुछ एकल स्वामित्व वाली फर्मों के चालू खाते खोलते समय आवश्यक ग्राहक जांच प्रक्रिया का पालन न करने के लिए 38.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
Kotak Mahindra Bank पर 61.40 लाख रुपये का जुर्माना
आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक पर सबसे ज्यादा जुर्माना लगाया है। बैंक ने कुछ उधारकर्ताओं को कार्यशील पूंजी सीमा के वितरण में त्रुटियां की थीं, और कुछ स्टॉक ब्रोकर्स को दी गई इंट्राडे ट्रेडिंग सीमाओं के लिए आवश्यक मार्जिन न लेकर नियमों का उल्लंघन भी किया था। इसके कारण 61.40 लाख का जुर्माना लगाया गया।
ग्राहकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
RBI की ये कार्रवाई केवल विनियामक उल्लंघनों पर आधारित है। इसलिए RBI ने स्पष्ट किया है कि इन दंडों का बैंक के खाताधारकों या उनके पैसे पर सीधा असर नहीं होगा। हालांकि, यह तय है कि ये कार्रवाई बैंकों को भविष्य में अधिक पारदर्शी और ग्राहक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए मजबूर करेगी, अन्यथा RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर फिर से कार्रवाई की जाएगी।
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