PF Claim New Rule: श्रम मंत्रालय ने भुगतान दावों के निपटान की प्रक्रिया में दस्तावेजों की जटिलताओं को खत्म करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से आधार को पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने को कहा है। श्रम मंत्रालय को उम्मीद है कि इससे न सिर्फ ईपीएफ खाताधारकों के दावों में आसानी होगी बल्कि दावों के निपटान की प्रक्रिया में लगने वाला समय भी कम होगा।
PF Claim New Rule: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के ईपीएफ खातों के दावे के निपटान को सुगम बनाने के लिए सत्यापन के लिए आधार को सबसे प्रामाणिक और सर्वमान्य दस्तावेज बनाने की तैयारी चल रही है। ईपीएफ दावों से जुड़े दस्तावेजों में विसंगतियों के कारण बड़ी संख्या में लंबित दावों का समाधान निकालने के लिए आधार को सत्यापन का मुख्य दस्तावेज बनाया जाएगा।
श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से भुगतान दावों के निपटान की प्रक्रिया में दस्तावेजों की जटिलताओं को खत्म करने के लिए आधार को पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने को कहा है। श्रम मंत्रालय को उम्मीद है कि इससे न सिर्फ ईपीएफ खाताधारकों (EPF account holders) के दावों में आसानी होगी बल्कि दावों के निपटान की प्रक्रिया में लगने वाला समय भी कम होगा।
ईपीएफ दावों के निपटान में होने वाली देरी को कम करने के लिए श्रम मंत्रालय ने किसी आवेदन के 30 दिन से अधिक समय तक लंबित रहने पर उसे संगठन की फास्ट ट्रैक प्रक्रिया में स्वतः लाने की प्रक्रिया भी शुरू करने को कहा है।
दावों के त्वरित निपटान पर सरकार का जोर
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार सचिव सुमिता डावरा ने देशभर में ईपीएफओ के 21 क्षेत्रीय कार्यालयों के कामकाज की समीक्षा बैठक में प्रामाणिक दस्तावेजों के कारण दावों के निपटान में होने वाली देरी को खत्म करने के लिए आधार पर जोर दिया। सचिव ने कहा कि पहचान दस्तावेज के रूप में आधार का इस्तेमाल सरकारी वितरण की प्रक्रियाओं को सरल बनाता है। इससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़ने के साथ ही यह भी सुनिश्चित होता है कि लाभार्थियों को उनका हक निर्बाध रूप से मिले।
सचिव के अनुसार, आधार आधारित सत्यापन से ईपीएफ कर्मचारियों को दावों के निपटान के लिए अपनी पहचान साबित करने के लिए कई अन्य दस्तावेज तैयार करने की जरूरत खत्म हो जाएगी। इस संबंध में, ईपीएफ में शामिल होने वाले नए सदस्यों को यूएएन नंबर देते समय, इसे आधार से जोड़ा जाना चाहिए।
बैठक में ईपीएफ शिकायत निवारण तंत्र को बेहतर बनाने और सदस्य प्रोफाइल में त्रुटियों, नियोक्ताओं द्वारा गैर-अनुपालन, तकनीकी गड़बड़ियों आदि के कारण दावों के निपटान में देरी से निपटने के लिए शिकायत निवारण रणनीतियों पर भी चर्चा की गई। इस बीच, श्रम मंत्रालय ने ईपीएफओ को दावों के निपटान में सुधार के साथ-साथ अस्वीकृति दरों को कम करने का लक्ष्य दिया।