P2M Transaction Limit: फिलहाल, देश में पीटूएम ट्रांजेक्शन की लिमिट एक लाख रुपये प्रतिदिन है. अब आरबीआई ने इसे बढ़ाने की अनुमति दे दी है.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कटौती करने के अलावा कई और फैसले भी लिए हैं, जिनका असर आम आदमी पर होगा. RBI ने अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) को ‘ग्राहकों से दुकानदारों’ को यूपीआई के माध्यम से लेनदेन की सीमा में संशोधन की अनुमति देने का निर्णय किया है.
हालांकि, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच UPI के जरिये लेनदेन की सीमा पहले की तरह एक लाख ही रहेगी. वर्तमान में ‘पर्सन टू मर्चेंट’ (P2M) की लिमिट एक लाख रुपये प्रतिदिन है. हालांकि, शेयर बाजार, बीमा, जैसे मामलों में प्रति लेनदेन 2 लाख रुपये, जबकि टैक्स पेमेंट, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पताल, आईपीओ के लिए भुगतान सीमा 5 लाख रुपये है.
RBI गवर्नर ने क्या कहा
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि एनपीसीआई को व्यक्ति से कारोबारियों को यूपीआई माध्यम से लेनदेन सीमा में संशोधन की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है.
केंद्रीय बैंक के बयान के अनुसार, ‘‘अर्थव्यवस्था की जरूरतों के मुताबिक नए उपयोग के मामलों में एनपीसीआई, बैंकों और यूपीआई परिवेश से जुड़े अन्य पक्षों के परामर्श से, उपयोगकर्ता की बदलती जरूरतों के आधार पर ऐसी सीमाओं की घोषणा और संशोधन कर सकता है.’’
क्या है P2M ट्रांजेक्शन
“पर्सन टू मर्चेंट” (Person to Merchant) डिजिटल पेमेंट से जुड़ा टर्म है. जब कोई व्यक्ति किसी व्यापारी/दुकानदार को यूपीआई या डिजिटल माध्यम से भुगतान करता है, तो उसे P2M ट्रांजैक्शन कहा जाता है.
आरबीआई ने कहा कि बैंकों को एनपीसीआई की घोषित सीमाओं के भीतर अपनी आंतरिक सीमाएं तय करने का विवेकाधिकार बना रहेगा. आरबीआई ने यह भी कहा कि ऊंची सीमा से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए उचित सुरक्षा उपाय किए जाएंगे.
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