UP School News : उत्तर प्रदेश के स्कूलों में मास्टर साहब अब अपनी जगह ड्यूटी किसी और को नहीं भेज सकेंगे. राज्य सरकार ने शिक्षकों की अनुपस्थिति और प्रॉक्सी की समस्याओं से निपटने के लिए एक नया नियम लागू किया है.
नए रेगुलेशन के अनुसार अब सभी पब्लिक स्कूलों की दीवारों पर टीचिंग स्टाफ की तस्वीरें प्रमुखता से लगानी होंगी. शासन की तरफ से इसके लिए सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिए गए हैं. जिसमें कहा गया है शिक्षकों के साथ अनुदेशक और शिक्षा मित्रों को भी अपनी-अपनी तस्वीरें स्कूल की दीवार पर लगानी होगी.
शासन के आदेश में कहा गया है कि स्कूलों में टीचिंग स्टाफ की तस्वीरों के साथ उनके बारे में डिटेल जानकारी भी लिखनी होगी. जिसमें उनकी शैक्षिक योग्यता, स्कूल ज्वाइन करने की तारीख, कॉन्टैक्ट नंबर, कौन सी कक्षा को पढ़ाते हैं और विषय विशेषज्ञता शामिल है.
इसके अलावा किसी ने कोई उल्लेखनीय उपलब्धि जैसे कि राज्य या राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार आदि प्राप्त किया है तो उसके प्रमुखता से हाईलाइट करना होगा. समाचार एजेंसी IANS की एक रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की तस्वीरें लगाने से छात्रों और प्रशासन को वास्तविक टीचर और प्रॉक्सी टीचर के बीच अंतर करने में मदद मिलेगी. अधिकारी ने कहा कि टीचिंग स्टाफ की तस्वीरें लगाने से अभिभावक भी अपने बच्चों के शिक्षकों को पहचान पाएंगे.
समग्र शिक्षा आवंटन से मिलेगा फोटो लगाने का पैसा
इस पहल के लिए धनराशि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए नामित समग्र शिक्षा आवंटन से प्राप्त होगा. सरकार ने विशेष तौर पर लर्निंग एन्हेंसमेंट प्रोग्राम रेमिडियल टीचिंग स्कीम के तहत प्राइमरी स्कूलों में टीचिंग लर्निंग मैटेरियल के लिए 7.9 करोड़ और अपर प्राइमरी स्कूलों के लिए 3.3 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं. जानकारी के अनुसार प्रशासन ने पहले भी इस तरह का आदेश जारी किया था. लेकिन उसका अक्षरश: पालन नहीं किया गया. इसलिए शासन ने दोबारा आदेश जारी किया है.