छोटे करदाताओं को मिलेगी सुविधा। आइए जानें कि इस नए नियम से मकान मालिक और किराएदार दोनों को क्या फायदा होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 25 फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश किया। इस बजट से मध्यम वर्ग की बड़ी उम्मीदों को पूरा करते हुए सीतारमण ने 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले नागरिकों को टैक्स से छूट दी है। इसके साथ ही की गई कई घोषणाओं में से एक यह है कि लीज पर दिए गए घर से मिलने वाले किराए पर लगने वाले टीडीएस में बदलाव किया गया है।
यह वरिष्ठ नागरिकों और सिर्फ किराए से कमाई करने वालों के लिए काफी सुविधाजनक होगा। सरकार ने घर के किराए पर टीडीएस की सीमा 2.4 लाख रुपये सालाना से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी है। वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि इस बदलाव से टीडीएस के तहत होने वाले लेन-देन की संख्या में कमी आएगी। इससे छोटे करदाताओं को सुविधा होगी। आइए जानें इस नए नियम से घर के मालिक और किराएदार दोनों को क्या फायदा होगा।
इसका नतीजा ये होगा।
मान लीजिए कि आपने किराए पर घर लिया हुआ है और आपको हर साल 2.4 लाख रुपये से ज़्यादा किराया मिल रहा है। मौजूदा नियमों के मुताबिक, आपका किराएदार इस पर टीडीएस काटेगा। अब वह आपको किराए के तौर पर पूरी रकम देगा, यानी टीडीएस के कारण कम हुई रकम भी आपको मिलेगी। वजह ये है कि सरकार ने सालाना घर के किराए पर टीडीएस की सीमा 6 लाख रुपये तय कर दी है। ऐसे में किराएदार पर टैक्स नहीं लगेगा और आपको पूरी रकम मिलेगी।
तो देना होगा TDS
अब मान लीजिए, जिस मकान में किराएदार रहता है, उसका सालाना किराया 6 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसे टीडीएस देना होगा और उसके बाद ही मकान मालिक को किराया दिया जा सकेगा। यानी किराएदार टीडीएस देने के लिए जिम्मेदार होगा। वित्त वर्ष 2019 तक मकान किराए पर टीडीएस में छूट की सीमा 1.8 लाख रुपये थी। सबसे अहम बात यह है कि जो किराएदार मकान मालिक को सालाना 6 लाख रुपये से ज्यादा किराया दे रहा है, उसके किराए में से 10 फीसदी टीडीएस काटा जाएगा। अगर मकान मालिक के पास पैन कार्ड नहीं है तो किराए की रकम का 20 फीसदी टीडीएस देना होगा।
दिल्ली और मुंबई के लोगों को होगा फायदा
टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बजट में टीडीएस नियमों में किए गए बदलावों से नागरिकों को काफी हद तक फायदा होगा। पिछले कुछ सालों में मकान किराए की रकम में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसलिए अगर किराया 20,000 रुपये प्रति महीने से ज्यादा है तो किराएदार का टीडीएस कटता है। इससे कंप्लायंस बढ़ता है। अब अगर किराया 50,000 रुपये प्रति महीने तक है तो भी टीडीएस नहीं कटेगा। इस बदलाव की वजह से दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में किराए के मकान में रहने वालों को बड़ी छूट मिलेगी।
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