इस नए ढांचे में सरकार ने टैक्स की दरों को काफी हद तक कम कर दिया है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये है, तो आप टैक्स में 80,000 रुपये तक की बचत कर सकते हैं।
नया वित्तीय वर्ष शुरू होते ही नौकरीपेशा लोगों के मन में एक सवाल उठता है कि “क्या हमें पुरानी टैक्स व्यवस्था को ही जारी रखना चाहिए या नई टैक्स व्यवस्था को?” इस फैसले का असर कई परिवारों के घरेलू खर्च, निवेश और भविष्य की योजनाओं पर पड़ता है। लेकिन इस साल मोदी सरकार ने जिस तरह से 2025 के बजट के बाद नई टैक्स व्यवस्था लागू की है, उससे मध्यम वर्ग के ज़्यादातर लोगों को राहत ज़रूर मिली है।
इस नई व्यवस्था में सरकार ने टैक्स की दरों को काफ़ी हद तक कम कर दिया है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये है, तो आप टैक्स में 80,000 रुपये तक बचा सकते हैं। यह रकम किसी के लिए भी छोटी नहीं है, आप बच्चे की पढ़ाई की फीस भर सकते हैं, परिवार के साथ छोटी-मोटी यात्रा कर सकते हैं या भविष्य के लिए निवेश कर सकते हैं।
0-4 लाख पर कोई टैक्स नहीं, 4-8 लाख पर सिर्फ़ 5% और दरों में क्रमिक वृद्धि औसत परिवार के खर्च को प्रभावित किए बिना राहत देती है। उल्लेखनीय है कि अब 12.75 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं को पूरी तरह से कर छूट मिल सकती है। यह उच्च वेतन वालों के लिए राहत की बात है। अगस्त 2024 तक 72% करदाताओं ने नई प्रणाली को अपना लिया है और सरकार को भरोसा है कि आने वाले वर्ष में 90% से ज़्यादा लोग इसे अपनाएँगे।
अपनी ज़रूरतों, खर्चों और भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए कर व्यवस्था चुनें। और हाँ, सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध कर कैलकुलेटर का उपयोग करना न भूलें। एक स्मार्ट निर्णय पूरे साल के लिए आपकी वित्तीय योजना को आकार दे सकता है, और आपको पैसे भी बचाएगा, जिसे आप फिर से निवेश कर सकते हैं या परिवार के लिए यात्रा की योजना बना सकते हैं।