Government Savings Scheme : न्यूनतम निवेश राशि 1,000 रुपये है। अधिकतम 1 लाख रुपये तक की राशि नकद जमा की जा सकती है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए नियमित आय प्राप्त करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है। क्योंकि सभी वरिष्ठ नागरिकों के पास पेंशन नहीं होती है। इस संदर्भ में, आइए रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित, स्थिर आय के लिए एक योजना पर नज़र डालते हैं। इस योजना का नाम है वरिष्ठ नागरिक बचत योजना।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत, कोई भी वरिष्ठ नागरिक व्यक्तिगत रूप से या अपने जीवनसाथी के साथ संयुक्त रूप से खाता खोल सकता है। इस योजना में एक खाते में अधिकतम 30 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। साथ ही, न्यूनतम निवेश राशि 1,000 रुपये है। 1 लाख रुपये तक की राशि नकद में जमा की जा सकती है। यदि राशि इससे अधिक है, तो इसका भुगतान चेक से करना होगा।
इस योजना में सालाना 8.2 प्रतिशत ब्याज मिलता है। यह योजना सुनिश्चित करती है कि वरिष्ठ नागरिक अपनी सेवानिवृत्ति निधि को सुरक्षित रखें। यह उन्हें एक नियमित आय भी प्रदान करती है।
योजना की विशेषताएँ:
सुरक्षा – चूँकि यह योजना सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इसमें जमा की गई राशि 100 प्रतिशत सुरक्षित रहती है।
कर कटौती – इस योजना में निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए पात्र है। इससे खाताधारकों को अतिरिक्त बचत होती है।
बेहतरीन रिटर्न– सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में सालाना 8.2 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। इसलिए सुकन्या समृद्धि योजना के साथ-साथ यह स्कीम सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली छोटी बचत योजना है।
निवेश का गणित
अगर कोई सीनियर सिटीजन इस स्कीम के तहत अपने खाते में 30 लाख रुपये निवेश करता है तो उसे तिमाही आधार पर 60,150 रुपये का ब्याज मिलेगा। अगर सालाना ब्याज की रकम 2 लाख 40 हजार रुपये है तो पांच साल में उसे कुल 12 लाख 3 हजार रुपये का ब्याज मिलेगा। इसलिए खाते की मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली रकम यानी मैच्योरिटी अमाउंट 42 लाख 3 हजार रुपये होगी।
रिटायर्ड दंपत्ति संयुक्त खाता खोलने के बजाय इस योजना के तहत अलग-अलग खाता खोलने पर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि इससे उनकी संयुक्त निवेश सीमा दोगुनी यानी 60 लाख रुपये हो जाती है। इस पर उन्हें एक तिमाही में 1,20,300 रुपये ब्याज के रूप में मिलेंगे। साथ ही उन्हें एक साल में 4,81,200 रुपये ब्याज के रूप में मिलेंगे। इसी तरह पांच साल पूरे होने पर यानी खाते की परिपक्वता के बाद उन्हें कुल 24 लाख छह हजार रुपये ब्याज मिलेगा। यानी अगर कोई दंपत्ति अलग-अलग खाते खोलता है और उनमें कुल 60 लाख रुपये निवेश करता है तो दोनों को मिलाकर पांच साल में कुल 24 लाख रुपये ब्याज के रूप में मिल सकते हैं।