अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन मैक्सिको और कनाडा से होने वाले आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी है। इससे निवेशक अमेरिकी मुद्रा यानी डॉलर की ओर आकर्षित हुए। वहीं मध्य-पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव कम होने से भी सोने की मांग में गिरावट आई जिसे सबसे सुरक्षित निवेश समझा जाता है। आइए जानते हैं दोनों कीमतों धातुओं की लेटेस्ट प्राइस।
वैश्विक बाजारों में डॉलर के मजबूत होने से गोल्ड की चमक फीकी पड़ गई। इससे मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमतों में लगातार दूसरे सत्र में भारी गिरावट आई। यह 1,250 रुपये गिरकर 78,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली यह कीमती धातु सोमवार को 1,000 रुपये की गिरावट के साथ 79,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
चांदी भी मंगलवार को 1,100 रुपये गिरकर 90,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। पिछले सत्र में यह 1,600 रुपये की गिरावट के साथ 91,700 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
ट्रंप की वजह से फिसला सोना
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, मैक्सिको और कनाडा से होने वाले आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी है। इससे निवेशक अमेरिकी मुद्रा यानी डॉलर की ओर आकर्षित हुए। वहीं, मध्य-पूर्व में भू-राजनीतिक स्थिति में नरमी ने सोने की सुरक्षित निवेश अपील को कम कर दिया।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट – कमोडिटी और करेंसी, जतिन त्रिवेदी ने कहा, “सोना अस्थिर रहा और एमसीएक्स पर 74,850-75,500 रुपये के बीच कारोबार कर रहा था, क्योंकि मध्य पूर्व में तनाव कम होने से सोने की मांग में कमी आई।” त्रिवेदी ने कहा कि बाजार सहभागियों द्वारा वैश्विक घटनाक्रमों का आकलन करने के कारण सर्राफा में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद है।
निवेशकों की नजर अमेरिका पर
इस बीच, दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी के अनुबंध 698 रुपये या 0.8 प्रतिशत बढ़कर 88,397 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए, जबकि पिछला बंद भाव 87,699 रुपये प्रति किलोग्राम था। वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना वायदा 13.40 डॉलर प्रति औंस या 0.51 प्रतिशत बढ़कर 2,656 डॉलर प्रति औंस हो गया। सोमवार को कीमती धातु की कीमत 100.80 डॉलर प्रति औंस या 3.71 प्रतिशत गिरकर 2,615.10 डॉलर प्रति औंस हो गई थी।
एशियाई बाजार में चांदी भी 0.94 प्रतिशत बढ़कर 30.95 डॉलर प्रति औंस हो गई। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के ईबीजी – कमोडिटी एवं करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष प्रणव मेर के अनुसार, व्यापारियों की नजर फेडरल रिजर्व की नवंबर की बैठक के विवरण, अमेरिकी जीडीपी संशोधन और कोर व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) मूल्य सूचकांक आंकड़ों पर रहेगी, जिनसे अमेरिकी केंद्रीय बैंक के नीतिगत दृष्टिकोण के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है।