Saving Schemes! PPF, सुकन्या समेत 12 छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में हो सकती है बढ़ोतरी

0
354
Saving Schemes! PPF, सुकन्या समेत 12 छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में हो सकती है बढ़ोतरी
Saving Schemes! PPF, सुकन्या समेत 12 छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में हो सकती है बढ़ोतरी

Saving Schemes: डाकघर बचत, पीपीएफ, सुकन्या, वरिष्ठ नागरिक, राष्ट्रीय बचत पत्र समेत कुल 12 तरह की छोटी बचत योजनाएं चला रही है। पिछली बार बदलाव नहीं हुआ था। इस बार निवेशकों की आस बढ़ी है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Follow Now

केंद्र सरकार जल्द ही छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकती है। इस संबंध में वित्त मंत्रालय 30 जून तक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए ब्याज दरों की समीक्षा करेगा, जिसमें दरें बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। सरकार ने पिछली तिमाही में ब्याज दरों को यथावत रखा था। माना जा रहा है कि इस बार छोटे निवेशकों को राहत दी जा सकती है।

वर्तमान में सरकार डाकघर बचत, पीपीएफ, सुकन्या, वरिष्ठ नागरिक, राष्ट्रीय बचत पत्र समेत कुल 12 तरह की छोटी बचत योजनाएं चला रही है। इनके जरिए निवेशकों को लंबी अवधि में ज्यादा मुनाफा देने के लिए सरकार हर तीन माह में ब्याज दरों की समीक्षा करने के बाद उन्हें संशोधित करती है। हालांकि, पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया था। सात तिमाहियों में यह पहली बार हुआ था कि जब सरकार ने इन छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की।

जनवरी में दो योजनाओं की दरें बढ़ीं थीं

वित्त वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही के लिए सरकार ने दो योजनाओं की ही ब्याज दरें बढ़ाई थीं। इसनमें सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर को 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.20 फीसदी किया गया था। इसके अलावा तीन साल टाइम डिपॉजिट के लिए ब्याज दरें 7 फीसदी से 7.1 फीसदी की गई थी।

पीपीएफ की दरों में चार साल से बदलाव नहीं

पीपीएफ दरों में पिछले तीन वर्षों से कोई बदलाव नहीं किया गया। इसमें आखिरी बार अप्रैल-जून 2020 में बदलाव किया गया था, जब इसे 7.9 फीसदी से घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया गया था। कोरोना काल में सरकार ने कई बचत योजनाओं की ब्याज दरों में संशोधन करके उन्हें घटा दिया था। तब से पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 फीसदी पर बनी हुई है। इस बीच ब्याज दरों में कई संशोधन हुए लेकिन पीपीएफ में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार यहां भी कुछ राहत दे सकती है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

विशेषज्ञों के अनुसार पीपीएफ समेत सभी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें सरकार के लिए संवेदनशील राजनीतिक मुद्दे हैं। लाखों छोटे बचतकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए दरों में वृद्धि करने का दबाव है। घरेलू बचत को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक कदम होगा। हालांकि ब्याज दरों से वृद्धि से सरकारी व्यय में वृद्धि होगी।

मौजूदा ब्याज दरें (फीसदी में)

  • बचत खाता 04
  • एक साल की एफडी 6.9
  • दो साल की एफडी 7.0
  • तीन साल की एफडी 7.1
  • पांच साल की एफडी 7.5
  • आरडी 6.5
  • वरिष्ठ नागरिक जमा 8.2
  • एमआईएस 7.4
  • एनएससी 7.7
  • पीपीएफ 7.1
  • किसान विकास पत्र 7.5
  • सुकन्या समृद्धि 8.2
इसे भी पढ़े-

Disclaimer

This is a kind of entertainment news website, on which we pick up all kinds of information from different web sites and present it to the people, if there is any mistake by us, then you can contact us, we will try and make this website even better.