8th pay commission salary hike latest news: फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसके माध्यम से वेतन और पेंशन को संशोधित किया जाता है। 7वें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सुझाया था, जिसके कारण न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹17,990 हो गया।
8th Pay Commission Latest News:केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए इससे बड़ी खुशखबरी और क्या हो सकती है, खुद प्रधानमंत्री मोदी ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। साल 2026 में जब 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म होगा तो 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें आएंगी। लेकिन, इस खबर के बाद सबसे ज्यादा चर्चा का विषय यह है कि कर्मचारियों की सैलरी में कितना बड़ा अंतर आएगा।
इसमें सबसे बड़ी भूमिका फिटमेंट फैक्टर की होगी। फिटमेंट फैक्टर पर गरमागरम बहस चल रही है, जो सैलरी और पेंशन में संशोधन का मुख्य आधार है। महंगाई को देखते हुए फिटमेंट में बदलाव बेहद जरूरी है। सैलरी रिवीजन तो 8वें वेतन आयोग के समय ही पता चलेगा। लेकिन, 8वें वेतन आयोग में बढ़ोतरी 6वें वेतन आयोग से भी बड़ी हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर क्या है और यह क्यों जरूरी है? फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिसके जरिए सैलरी और पेंशन में संशोधन किया जाता है। 7वें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सुझाया था, जिसके चलते न्यूनतम सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹17,990 हो गई। अब देखना यह है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर क्या होगा। वेतन आयोग के चेयरमैन 2026 तक अपनी सिफारिशें पेश करेंगे। यह उसी में पता चलेगा।
8वां वेतन आयोग: क्या हर साल बदलेगी सैलरी?
7वें वेतन आयोग के गठन के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में सबसे कम इजाफा हुआ है। दरअसल, फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से सैलरी में बढ़ोतरी की गई थी। इसमें इसे 2.57 गुना रखा गया था। इससे बेसिक सैलरी 18000 रुपये हो गई थी। अगर इसी फॉर्मूले को आधार माना जाए तो 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की अधिकतम रेंज के तहत न्यूनतम सैलरी 26000 रुपये हो जाएगी।
कर्मचारियों के वेतन में कब और कितनी वृद्धि हुई?
- चौथे वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 27.6% की वृद्धि हुई। इसमें उनका न्यूनतम वेतनमान 750 रुपये तय किया गया।
- पांचवें वेतन आयोग में कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिला और उनके वेतन में 31% की भारी वृद्धि की गई। इससे उनका न्यूनतम वेतन सीधे 2550 रुपये प्रति माह हो गया।
- छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। उस समय इसे 1.86 गुना रखा गया था। इससे कर्मचारियों के वेतन में सबसे बड़ी वृद्धि हुई। उनके न्यूनतम वेतन में 54% की वृद्धि हुई। इससे मूल वेतन बढ़कर 7000 रुपये हो गया।
- वर्ष 2014 में सातवें वेतन आयोग का गठन हुआ। फिटमेंट फैक्टर को आधार मानकर 2.57 गुना वृद्धि की गई। हालांकि वेतन में जो वृद्धि हुई वहकिया केवल 14.29% थी।
8वें वेतन आयोग में कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद है?
अब 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद अगर सरकार पुराने स्केल पर ही सैलरी रिवीजन रखती है तो इसमें भी फिटमेंट फैक्टर को ही आधार माना जाएगा। इस आधार पर कर्मचारियों के फिटमेंट में 3.68 गुना बढ़ोतरी हो सकती है। इस आधार पर कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 44.44 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। इससे कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26000 रुपये हो सकता है।
8वें वेतन आयोग का गठन कब होगा?
अभी तक सरकार ने 8वें वेतन आयोग को सिर्फ इतना बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मंजूरी दे दी है। हालांकि, अभी कई और स्तरों पर मंजूरी मिलना बाकी है। अब इसे प्रस्ताव के लिए कैबिनेट के पास भी लाया जाएगा। इसके बाद फाइल तैयार होगी और वेतन आयोग का औपचारिक गठन हो जाएगा।
इसके पैनल में कौन-कौन लोग होंगे, यह भी तभी तय होगा। आयोग का जो भी अध्यक्ष होगा, उसकी सिफारिशें लागू होंगी। उम्मीद है कि 2026 में इसका गठन हो जाएगा। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसका बेसब्री से इंतजार है। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार निष्पक्ष संशोधन पर ध्यान देगी या नहीं।