
7th Pay Commission: सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए फैसले के अनुसार, अगर किसी पीएसयू कर्मचारी को नौकरी के दौरान गलत काम के लिए बर्खास्त या हटाया जाता है, तो उसे सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला प्रशासनिक मंत्रालय लेगा।
New rules for PSU employees: अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) का कर्मचारी है, तो यह खबर आपके काम की है। जी हां, केंद्र सरकार ने PSU कर्मचारियों के लिए पेंशन से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए हैं।
सरकार के नए फैसले के अनुसार, अगर किसी पीएसयू कर्मचारी को नौकरी के दौरान गलत काम के लिए बर्खास्त या हटाया जाता है, तो उसे सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिलेगा। बर्खास्तगी या नौकरी से हटाने के फैसले की समीक्षा संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय भी करेगा। यह बदलाव पीएसयू कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ाने और उन्हें गलत काम करने से रोकने के लिए किया गया है।
नए नियम में क्या बदला है?
22 मई को अधिसूचित केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम 2025 के तहत अगर कोई कर्मचारी पीएसयू में शामिल होने के बाद गलत व्यवहार करता है और इसके कारण उसे बर्खास्त कर दिया जाता है तो उसे सरकारी सेवा के दौरान मिलने वाले रिटायरमेंट लाभों से हाथ धोना पड़ेगा। पहले ऐसे मामलों में रिटायरमेंट लाभ खत्म करने का कोई नियम नहीं था। नए नियमों के तहत यह भी कहा गया कि बर्खास्तगी, नौकरी से हटाने या छंटनी का फैसला पीएसयू से संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय ही अंतिम रूप देगा।
पेंशन और पारिवारिक पेंशन पर पड़ेगा असर
हालिया नियमों के तहत यह भी प्रावधान किया गया है कि बर्खास्त या छंटनी किए गए कर्मचारियों को ‘भविष्य में अच्छे आचरण’ के आधार पर पेंशन या पारिवारिक पेंशन दी जा सकेगी। इसके अलावा कंपोजिट अलाउंस जैसे नियम भी लागू होंगे। इसका मतलब यह है कि कुछ मामलों में कर्मचारियों को राहत मिल सकती है, लेकिन यह सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा।
कौन से कर्मचारी नियमों के दायरे में आएंगे?
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 से संबंधित नियम ऐसे सरकारी कर्मचारियों पर लागू होंगे जिनकी नियुक्ति 31 दिसंबर 2003 से पहले हुई है। हालांकि, ये नियम रेलवे कर्मचारियों, अस्थायी या दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (PSU), भारतीय पुलिस सेवा (PSU) और भारतीय वन सेवा (IFOS) के अधिकारियों पर लागू नहीं होंगे।