Universal Pension Scheme: देश के सभी नागरिकों को पेंशन के तौर पर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के मकसद से सरकार एक यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (Universal Pension Scheme) पर विचार कर रही है.
हर व्यक्ति की चाह होती है कि उसे बुढ़ापे में पेंशन मिले, लेकिन यह सिर्फ सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों के लिए ही उपलब्ध है. हालांकि, अब सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है जिससे पेंशन को लेकर आम आदमी का सपना सच हो जाएगा. दरअसल, सरकार एक यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (Universal Pension Scheme) पर विचार कर रही है, जो वॉलेंट्री (इच्छा से) और अंशदायी योजना होगी व इसका उद्देश्य सभी नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना होगा.
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने अम्ब्रेला पेंशन स्कीम पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है. अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया, “यह योजना स्वैच्छिक और अंशदायी होगी, रोजगार से जुड़ी नहीं होगी और इसलिए हर कोई इसमें योगदान कर सकता है और पेंशन कमा सकता है.”
क्या है सरकार की प्लानिंग
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत योजना पर व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है. इस स्कीम का खाका तैयार होने के बाद, मंत्रालय योजना को अंतिम रूप देने के लिए हितधारकों से परामर्श करेगा.
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम कार्यक्रम को और आकर्षक बनाने के लिए इसमें कुछ मौजूदा केंद्रीय योजनाओं को शामिल किया जाएगा, ताकि समाज के सभी वर्गों तक कवरेज बढ़ाते हुए प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके.
इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कामगारों, व्यापारियों और स्वरोजगार करने वाले व्यक्तियों तथा अंशदायी आयु वर्ग (18 वर्ष या उससे अधिक) के सभी लोगों को लाभ पहुंचाना है, जो 60 वर्ष के बाद पेंशन लाभ प्राप्त करना चाहते हैं.
स्कीम में इन योजनाओं का विलय संभव
कुछ मौजूदा सरकारी योजनाएँ जिन्हें इस अम्ब्रेला योजना के अंतर्गत विलय किया जा सकता है, उनमें प्रधानमंत्री-श्रम योगी मानधन योजना (पीएम-एसवाईएम) और व्यापारियों और स्वरोजगार करने वालों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस-ट्रेडर्स) शामिल हैं। दोनों ही स्वैच्छिक प्रकृति की हैं और नामांकन के समय आयु के आधार पर 55 से 200 रुपये तक के अंशदान पर ग्राहकों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये की मासिक पेंशन का अधिकार देती हैं, और सरकार से भी उतना ही अंशदान मिलता है