Income Tax Slab Budget 2025: 12 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं। भारत सरकार ने 2020 में नई टैक्स व्यवस्था शुरू की
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया है। इस बजट से आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। इस बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद थी, वहीं इस बात को लेकर भी उत्सुकता थी कि पुरानी टैक्स व्यवस्था से करदाताओं के लिए क्या नियम लाए जाएंगे। आखिरकार इस सब पर विराम लग गया है। वित्त मंत्री ने बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान किया है।
12 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। भारत सरकार ने 2020 में नई टैक्स व्यवस्था शुरू की है, जो पुरानी व्यवस्था से सरल और आसान है। नई व्यवस्था में सिर्फ NPS को छूट दी गई है। जबकि पुरानी व्यवस्था में कई चीजों पर लाभ मिलता है….
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टैक्स व्यवस्था में टैक्स बचाने के लिए कई तरह की छूट और कटौतियाँ दी जाती हैं। इसमें 80C, 80D, HRA (हाउसिंग रिलीफ अलाउंस), LTC (लिविंग ट्रैवल अलाउंस) जैसी कई तरह की छूट और कटौतियाँ शामिल हैं।
पुरानी व्यवस्था के लाभ:
पीएफ (भविष्य निधि), बीमा, गृह ऋण ब्याज जैसे निवेशों पर कर छूट। दीर्घकालिक निवेश को प्रोत्साहित किया जाता है। परिवार के लिए चिकित्सा व्यय पर छूट।
पुरानी व्यवस्था के नुकसान:
कर प्रक्रिया थोड़ी जटिल है। कटौती का लाभ नहीं लेने पर आपको अधिक कर देना पड़ सकता है।
नई कर व्यवस्था
कम चरणों और सरलीकृत कर दरों के साथ लागू की गई है। इसमें कोई कटौती और कर छूट शामिल नहीं है, लेकिन कर दरें अपेक्षाकृत कम हैं।
नई कर व्यवस्था के लाभ:
सीधी और सरल कर संरचना। कम कर दरें, इसलिए उच्च आय वालों के लिए फायदेमंद। किसी भी निवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं।
नई कर व्यवस्था के नुकसान:
किसी भी कटौती का कोई लाभ नहीं। दीर्घकालिक बचत को प्रोत्साहित नहीं किया जाता।
कौन सी प्रणाली चुनें?
अगर कोई व्यक्ति टैक्स बचत के लिए निवेश नहीं करना चाहता और सरलीकृत कर प्रणाली चाहता है, तो नई कर प्रणाली उसके लिए उपयुक्त है। हालांकि, अगर आप कर बचत के लिहाज से सोचते हैं और विभिन्न कटौतियों का लाभ उठाना चाहते हैं, तो पुरानी कर प्रणाली अधिक फायदेमंद हो सकती है।