Income Tax Return: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 15 सितंबर, 2025 को आईटीआर फाइल करने वालों को अपने रिफंड पर 33.33 परसेंट अधिक ब्याज मिल सकता है, क्योंकि आयकर विभाग रिफंड पर 0.5 परसेंट मासिक ब्याज देता है.
Income Tax Return: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दी है. इससे आम लोगों को तो राहत मिलेगी, लेकिन सरकार को नुकसान उठाना पड़ सकता है. दरअसल, डेडलाइन बढ़ाने के चलते रिफंड क्लेम करने वालों को अधिक ब्याज भुगतान करना पड़ सकता है, जिसमें भारतीय और एनआरआई दोनों टैक्सपेयर्स शामिल हैं.
टैक्सपेयर्स की बढ़ेगी इनकम
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 244A के तहत, आयकर विभाग को 0.5 परसेंट का ब्याज देना पड़ता है. यानी कि रिफंड जितनी देरी से किया जाएगा, ब्याज उतना ज्यादा चुकाना होगा. हालांकि, यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि टैक्स रिफंड पर मिला यह इंटरेस्ट संबंधित वर्ष में अन्य स्रोतों से आय के रूप में टैक्स के दायरे में आएगा.
वैसे कई टैक्सपेयर्स को इस बढ़ी हुई आय से कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि यह इनकम उनके लिए अभी भी टैक्स फ्री इसलिए है क्योंकि वित्त वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 2026-27) में, गैर-वेतनभोगी और वेतनभोगी व्यक्ति धारा 87ए के तहत कर छूट में वृद्धि के कारण क्रमशः 12 लाख रुपये और 12.75 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह से टैक्स फ्री होने का लाभ उठा सकते हैं.
इतने ब्याज का करना होगा भुगतान
मान लीजिए कि पिछली डेडलाइन 31 जुलाई, 2025 से पहले कोई टैक्सपेयर 15 जुलाई तक आईटीआर दाखिल करता है और उसे 25000 रुपये रिफंड मिलने हैं. रिफंड 31 जुलाई तक प्रॉसेस हो जाने पर उसे इंटरेस्ट के रूप में 500 रुपये मिलेंगे.
हालांकि, डेडलाइन बढ़ने पर अब अगर वह 15 सितंबर, 2025 तक आईटीआर फाइल करता है और 31 सितंबर को रिफंड प्रॉसेस होता है, तो उसे 25,000 रुपये के रिफंड अमाउंट पर 750 रुपये ब्याज के रूप में प्राप्त होंगे, जो कि 500 रुपये से 33 परसेंट ज्यादा है. हालांकि, रिफंड पर मिल रहे इंटरेस्ट को भी आपका इनकम माना जाएगा और इनकम फ्रॉर्म अदर सोर्स के तहत आपको इस पर टैक्स का भुगतान भी करना होगा.
कुल मिलाकर रिफंड मिलने वाले अमाउंट पर धारा 244ए के तहत ब्याज 1 अप्रैल, 2025 से चुकाना होगा. भले ही आईटीआर 31 जुलाई, 2025 के बाद, लेकिन 15 सितंबर, 2025 के भीतर दाखिल किया गया हो.