GST New Rule- जीएसटी परिषद (GST Council) ने पिछले महीने अपनी बैठक में उन संस्थाओं को टेम्परेरी आइडेंटिफिकेशन नंबर (TIN) जारी करने का फैसला लिया था, जिन्हें जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है. अब नोटिफिकेशन जारी कर इस नियम को लागू कर दिया गया है.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने कंपनियों को बड़ी राहत दी है. अब वे कंपनियां भी टेम्परेरी आइडेंटिफिकेशन नंबर (TIN) ले सकती हैं जिन्हें जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है, लेकिन जीएसटी अधिनियम के तहत टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य है. पिछले महीने जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि उन संस्थाओं को TIN जारी किया जाएगा, जिन्हें नियमित रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है.
CBIC का यह कदम टैक्स पेमेंट को सुगम बनाने और टैक्सपेयर्स पर अनुपालन का बोझ कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. इससे सरकार को राजस्व संग्रह में सुधार और टैक्स प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी. इससे उन संस्थाओं पर कंप्लायंस का बोझ कम होगा, जो *नियमित टैक्स योग्य गतिविधियों में शामिल नहीं हैं.
वस्तु एवं सेवा कर (GST) नियमों के तहत मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में क्रमश: 40 लाख और 20 लाख रुपए सालाना टर्नओवर वाले व्यवसायों के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है. सीबीआईसी ने केंद्रीय जीएसटी नियमों में नियम 16ए पेश करते हुए कहा कि जहां कोई व्यक्ति अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए उत्तरदायी नहीं है, लेकिन अधिनियम के प्रावधान के तहत उसे जीएसटी भुगतान करना जरूरी है, तो उचित अधिकारी उस व्यक्ति को एक टेम्परेरी आइडेंटिफिकेशन नंबर प्रदान कर सकता है.
क्या होगा इससे फायदा?
जीएसटी परिषद (GST Council) ने पिछले महीने अपनी बैठक में उन संस्थाओं को TIN जारी करने का फैसला लिया था, जिन्हें जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है. अब नोटिफिकेशन जारी कर इस नियम को लागू कर दिया गया है. नए नियम से सुचारू टैक्स पेमेंट सुनिश्चित होगा, नियमित रूप से जीएसटी न भरने वालों पर अनुपालन का बोझ कर होगा और जीएसटी संग्रहण में भी बढोतरी होगी.
दिसंबर में 7% ज्यादा जीएसटी संग्रहण
दिसंबर 2024 में सकल जीएसटी संग्रहण 1,76,857 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 7.3% ज्यादा है. नवंबर 2024 में जीएसटी कलेक्शन सालाना आधार पर 8.5% बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपए हो गया था. नवंबर 2023 में यह आंकड़ा 1.68 लाख करोड़ रुपए था. दिसंबर, 2024 में CGST से 32,836 करोड़ रुपए, एसजीएसटी (SGST) से 40,499 करोड़ रुपए, आईजीएसटी (IGST) से 91,231 करोड़ रुपए और सेस से सरकार को 12,301 करोड़ रुपए मिले.
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