Gratuity Hike: चुनावों के नतीजों से पहले मोदी सरकार ने एक और तोहफा कर्मचारियों को दिया है। इस साल 12 मार्च को महंगाई भत्ता (DA) 4% बढ़ाने के बाद सरकार ने 1 जनवरी 2024 से केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा 25% बढ़ाने का फैसला किया है
Gratuity Hike: चुनावों के नतीजों से पहले मोदी सरकार ने एक और तोहफा कर्मचारियों को दिया है। इस साल 12 मार्च को महंगाई भत्ता (DA) 4% बढ़ाने के बाद सरकार ने 1 जनवरी 2024 से केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी लिमिट 25% तक बढ़ाने का फैसला किया है। अब ये ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख हो गई है।
चुनावी नतीजों से पहले मिला तोहफा
केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को एक और तोहफा दिया है। महंगाई भत्ता (डीए) 4 फीसदी बढ़ाने के बाद अब सरकार ने ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी की सीमा 25 फीसदी बढ़ाई गई है। इससे लिमिट 20 लाख रुपये से बढ़कर 25 लाख रुपये हो जाती है। नई ग्रेच्युटी सीमा 1 जनवरी 2024 से लागू मानी जाएगी।
ग्रेच्युटी की लिमिट बढ़कर हुई 25 लाख रुपये
30 मई 2024 को एक ऑफिस मेमोरेंडम के मुताबिक इस फैसले की घोषणा की गई। यह 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का पालन करता है। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 या केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत ग्रेच्युटी का पेमेंट) नियम 2021 के तहत रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा अब 25 लाख रुपये है। यह निर्णय 30 अप्रैल को किया गया था, लेकिन 7 मई को एक सर्कुलर के जरिये रोक दिया गया।
कब मिलती है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी किसी कंपनी के लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारी को दिया जाने वाला इनाम है। यह सैलरी, पेंशन और भविष्य निधि (PF) के अतिरिक्त दिया जाता है। कोई भी कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार तभी होता है, जब उसने कंपनी में कम से कम पांच साल तक काम किया हो।
सरकार ने हाल में बढ़ाया था DA
7 मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (DA) की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने की मंजूरी दे दी। पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत (DR) को भी मंजूरी दी गई। बेसिक सैलरी या पेंशन के 46 प्रतिशत की मौजूदा दर से 4 प्रतिशत की यह बढ़ोतरी कीमतों में बढ़ोतरी की भरपाई के लिए है।
डीए में बढ़ोतरी के साथ अन्य भत्ते जैसे ट्रांसपोर्ट अलाउंस, कैंटीन अलाउंस और डेप्युटेशन अलाउंस में भी 25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई। डीए और डीआर दोनों बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर संयुक्त प्रभाव 12,868.72 करोड़ रुपये सालाना होगा। इस फैसले से केंद्र सरकार के करीब 49.18 लाख कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा। ग्रेच्युटी और भत्तों में बढ़ोतरी का उद्देश्य फाइनेंशियल सुरक्षा प्रदान करना और जीवनयापन की बढ़ती लागत को ध्यान में रखना है।
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