Govt Pension Rules! महिला कर्मचारियों को बड़ी अच्छी खबर आई! अब बच्चों को भी फैमिली पेंशन के लिए कर सकेंगी नॉमिनेट

0
649

Government Pension Rules: फैमिली पेंशन में इस नियम के बदलाव से उन महिलाओं को राहत मिलेगी जो दहेज या तलाक से जुड़े मामले को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं.

Government Pension Schemes: केंद्र की मोदी सरकार ने महिला केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. महिला सरकारी कर्मचारी अब अपने बच्चे को फैमिली पेंशन के लिए नॉमिनेट कर सकती है. पुराने नियम के तहत कोई भी महिला सरकारी कर्मचारी पति को ही नॉमिनेट कर सकती थी. सरकारी कर्मचारी के निधन के बाद सबसे पहले फैमिली पेंशन स्पाउज (पति/पत्नी) को ही मिला करता था. उसके बाद बच्चों को फैमिली पेंशन मिलने की बारी आती थी.

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Follow Now

कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने बताया कि सीसीएस (पेंशन) रुल्स, 2021 के नियम 50 के  (8) और सब-रुल (9) के मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक, यदि किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के पति या पत्नी परिवार में है, तो पहले पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन दी जाती है.  मृतक सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के पति या पत्नी पारिवारिक पेंशन के लिए अपात्र होते हैं या उनकी मृत्यु हो जाती है उसके बाद ही  बच्चे एवं परिवार के अन्य सदस्य पारिवारिक पेंशन के लिए हकदार होते हैं.

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग को मंत्रालयों विभागों से बड़ी संख्या में ऐसे रिफेरेंस प्राप्त हुए, जिनमें सलाह मांगी गई थी कि क्या वैवाहिक कलह की वजह से या कोर्ट में तलाक के लिए दायर याचिका की स्थिति में या घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, दहेज निषेध अधिनियम या भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज करने की स्थिति में किसी सरकारी महिला कर्मचारी महिला पेंशनभोगी को उसके पति या पति के स्थान पर अपने बच्चे या बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नामित करने की अनुमति दी जा सकती है?

इस सवाल के खड़े होने के बाद इंटर-मिनिस्ट्रीयल कंसलटेशन (Inter-Ministerial Consultation) के बाद ये तय किया गया कि अगर किसी सरकारी महिला कर्मचारी (government women employees) या महिला पेंशनभोगी की तलाक की कार्यवाही कोर्ट में लंबित है, या सरकारी महिला कर्मचारी या महिला पेंशनभोगी ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम या दहेज प्रतिषेध अधिनियम या भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया है. तो ऐसी सरकारी महिला कर्मचारी या पेंशनभोगी अपनी मृत्यु के बाद अपने पात्र बच्चे या बच्चों को पारिवारिक पेंशन दिए जाने के लिए अपने पति से पहले वरीयता देने की अनुरोध कर सकती है.

ऐसे मामलों में बच्चों को फैमिली पेंशन देने में तरजीह देने के लिए सरकार ने नियम बनाये हैं. जिसमें सरकारी महिला कर्मचारी – पेंशनभोगी का तलाक से जुड़ा मामला कोर्ट में लंबित है या सरकारी महिला कर्मचारी- पेंशनभोगी ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा या दहेज कानून या आईपीसी (IPC)  के तहत मामला दर्ज कराया है, तो ऐसी महिलाएं कार्यालय प्रमुख को अनुरोध कर सकती हैं कि कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान उसकी मृत्यु होने की स्थिति में, उसके पति या पत्नी से पहले उनके बच्चों को पारिवारिक पेंशन देने में वरीयता दिया जाए.

अगर महिला कर्मचारी या पेंशनधारक जिसने ये अनुरोध किया था उसकी मृत्यु हो जाती है तो पारिवारिक पेंशन देने में ये देखा जाएगा कि मृत सरकारी महिला कर्मचारी – पेंशनभोगी के परिवार में विधुर है और सरकारी महिला कर्मचारी – पेंशनभोगी की मृत्यु की तारीख को कोई भी बच्चा पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र नहीं है, वहां विधुर को पारिवारिक पेंशन दिया जाएगा.

अगर बच्चा अवयस्क या विकलांग है तो पेंशन गार्जियन यानि अभिभावक को दिया जाएगा. वयस्क होने के बाद ही बच्चे को फैमिली पेंशन दिया जाएगा. अगर बच्चा फैमिली पेंशन पाने का पात्र नहीं है तो विधुर की मृत्यु या फिर से शादी होने तक उसे पेंशम मिलता रहेगा. सरकार का कहना है कि इस नियम के लागू होने से महिला सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सशक्तिकरण में मदद मिलेगी.

7th Pay Commission! केंद्रीय कर्मचारियों जबरदस्त खुशखबरी! 50% कन्फर्म हुआ महंगाई भत्ता, जाने सैलरी में कितना हुआ इजाफा….

Disclaimer

This is a kind of entertainment news website, on which we pick up all kinds of information from different web sites and present it to the people, if there is any mistake by us, then you can contact us, we will try and make this website even better.