EPS Pension Hike Latest News: ईपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी है। ट्रेड यूनियनों और पेंशनभोगियों की लंबे समय से चली आ रही मांग पर सरकार अब एक्शन में नजर आ रही है।
संसद की एक स्थायी समिति ने श्रम मंत्रालय को एक निश्चित समय सीमा के भीतर तीसरे पक्ष से ईपीएस का मूल्यांकन पूरा करने को कहा है।
दरअसल, लंबे समय से पेंशनभोगी मांग कर रहे हैं कि कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन राशि बढ़ाई जाए। 2014 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने उन ईपीएफओ सदस्यों के लिए न्यूनतम गारंटीड पेंशन 1,000 रुपये तय की थी जो कम से कम 10 साल तक पेंशन योजना में योगदान करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहली बार है जब सरकार ईपीएस का मूल्यांकन किसी तीसरे पक्ष से कराएगी। ईपीएस की शुरुआत तीन दशक पहले हुई थी। अब इसे ईपीएस-95 के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति चाहती है
कि श्रम मंत्रालय द्वारा यह मूल्यांकन प्रक्रिया 2025 के अंत तक पूरी कर ली जाए। इसे देखते हुए समिति ने श्रम मंत्रालय से इस मामले को तत्परता से उठाने को कहा है ताकि ईपीएस के तहत 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाया जा सके।
संसदीय समिति ने और क्या कहा?
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले कुछ सालों में जीवन-यापन की लागत कई गुना बढ़ गई है। यानी महंगाई कई गुना बढ़ गई है, लेकिन पेंशन की रकम वही है।
ईपीएस की शुरुआत वर्ष 1995 में हुई थी। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित आय सुनिश्चित करना है। संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 30 साल बाद ईपीएस का किसी न किसी पक्ष द्वारा मूल्यांकन किया जाता है।
समिति की सिफारिश है कि यह मूल्यांकन एक निश्चित समय सीमा यानी 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाना चाहिए। इसके बाद मंत्रालय ने समिति को बताया है कि रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) के जरिए थर्ड पार्टी रिव्यू की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और फिलहाल यह काम चल रहा है। मंत्रालय ने समिति को यह भी बताया है कि इससे पहले कभी इस तरह की समीक्षा नहीं की गई है।
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