EPS Pension Hike: सरकार EPS के तहत मिलने वाली पेंशन की रकम को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹3,000 करने की योजना पर काम कर रही है। इससे 36.6 लाख पेंशनभोगियों को फायदा हो सकता है।
EPS Pension Hike: केंद्र सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत दी जाने वाली न्यूनतम पेंशन राशि को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये करने पर विचार कर रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक, आने वाले महीनों में इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है। इस संबंध में पिछले कुछ समय से मांग चल रही है और इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि क्या सरकार ऐसा कोई फैसला लेगी जिससे बढ़ती महंगाई और पेंशनभोगियों की सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों के मद्देनजर राहत मिले।
क्या है ईपीएस?
EPS भारत में संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक रिटायरमेंट स्कीम है। इसे ईपीएफओ चलाता है। इसके जरिए निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद हर महीने एक तय रकम मिलती है। इस स्कीम में योगदान उस प्रतिष्ठान द्वारा दिया जाता है जिसमें कर्मचारी काम करता है। मूल वेतन का 8.33 फीसदी ईपीएस में जमा होता है। जबकि, 3.67 फीसदी ईपीएफ खाते में जमा होता है।
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति महीना करने की तैयारी चल रही है। यह मामला लंबे समय से लंबित है। इससे पहले 2020 में श्रम मंत्रालय ने पेंशन को बढ़ाकर 2000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को सौंपा था। हालांकि, इसे मंजूरी नहीं मिली।
7500 रुपये पेंशन की मांग
ईपीएस सेवानिवृत्त कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर 7500 रुपये करने की मांग की थी। हालांकि, उन्हें कोई आश्वासन नहीं दिया गया। ईपीएस पेंशन का लाभ फिलहाल 36.6 लाख लोगों को 1000 रुपये प्रति माह दिया जा रहा है।
आर्थिक परिणामों के बारे में सोच रहे हैं
श्रम मंत्रालय न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 3,000 रुपये करने की लागत का अनुमान लगा रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में श्रम मंत्रालय ने पेंशनभोगियों को न्यूनतम 1,000 रुपये पेंशन देने के लिए 1,223 करोड़ रुपये खर्च किए थे। 2022-3 में यह राशि 970 करोड़ रुपये थी। केंद्र सरकार सितंबर 2014 से न्यूनतम 1,000 रुपये पेंशन देने के लिए 1,000 रुपये की सब्सिडी दे रही है।
यानी अगर किसी पेंशनर को मिलने वाली पेंशन 1,000 रुपये से कम है, तो केंद्र की ओर से कम राशि दी जाती है। भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने श्रम मंत्रालय से ईपीएस पेंशन राशि में तत्काल वृद्धि करने की सिफारिश की थी। उन्होंने इसकी वजह महंगाई में तेजी से हो रही वृद्धि बताई थी।