Electricity Bill Rules : बिजली विभाग ने सिक्योरिटी मनी वसूलने का नया नियम बनाया है, अब हर महीने बिल में रकम जुड़कर आएगी।

0
293
Electricity Bill Rules : बिजली विभाग ने सिक्योरिटी मनी वसूलने का नया नियम बनाया है, अब हर महीने बिल में रकम जुड़कर आएगी।
Electricity Bill Rules : बिजली विभाग ने सिक्योरिटी मनी वसूलने का नया नियम बनाया है, अब हर महीने बिल में रकम जुड़कर आएगी।

सेंट्रल जोन के अधिशासी अभियंता गौरव सकलानी ने बताया कि सिक्योरिटी राशि उपभोक्ता की बिजली खपत के आधार पर तय की जाती है। अगर उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान नहीं करता है तो पहले से ही सिक्योरिटी राशि के तौर पर कुछ पैसा ऊर्जा निगम के पास जमा रहता है। कनेक्शन बंद करने पर उपभोक्ताओं को पूरी सिक्योरिटी राशि वापस कर दी जाती है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Follow Now

electricity bill: उपभोक्ताओं से ली जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा जमा (ASD) हर महीने किस्तों में वसूली जाएगी। पहले यह एक साल में एकमुश्त वसूली जाती थी।

यह सुरक्षा जमा राशि उपभोक्ता की सालाना बिजली खपत के आधार पर तय होती है। जिसे ऊर्जा निगम ने अप्रैल के बिल से किस्तों में वसूलना शुरू कर दिया है। हालांकि, इसे लेकर आम उपभोक्ताओं में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

उत्तराखंड में इस महीने से बिजली की दरों में 6.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। जिसको लेकर उपभोक्ता और विपक्षी राजनीतिक दल लगातार विरोध कर रहे हैं। इस बीच अप्रैल के बिलों में अतिरिक्त सिक्योरिटी डिपॉजिट जुड़ने से उपभोक्ताओं की बेचैनी बढ़ गई है। दरअसल, पहले एएसडी साल में एक बार ही लिया जाता था।

सुरक्षा राशि जमा न कराने वालों को नोटिस भेजे गए

सिक्योरिटी मनी जमा न करवाने वालों को ऊर्जा निगम की ओर से नोटिस भी भेजे गए, लेकिन बड़ी रकम होने के कारण आम उपभोक्ता के लिए वित्तीय वर्ष के अंत में एकमुश्त भुगतान करना संभव नहीं था और ऊर्जा निगम को भारी भरकम रकम वसूलने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।

अब वित्तीय वर्ष 2024-25 की शुरुआत से सुरक्षा जमा राशि किश्तों में वसूलने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है, जो हर महीने मासिक बिल में जुड़कर आएगी।

यह जमा राशि सुरक्षा जमा के रूप में ऊर्जा निगम के पास रहती है।

मध्य क्षेत्र के अधिशासी अभियंता गौरव सकलानी ने बताया कि सुरक्षा जमा राशि उपभोक्ता की बिजली खपत के आधार पर तय होती है। अगर उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान नहीं करता है तो सुरक्षा जमा के तौर पर कुछ पैसा पहले ही ऊर्जा निगम के पास जमा करा दिया जाता है।

कनेक्शन बंद करने पर उपभोक्ताओं को पूरी सिक्योरिटी राशि वापस कर दी जाती है। साथ ही, उस पर ब्याज भी लिया जाता है। जिनका बिल पहले से जमा सिक्योरिटी राशि से कम है, उनका बिल जमा राशि में जोड़कर कम कर दिया जाता है।

अतिरिक्त सुरक्षा जमा को कैसे समझें

नया कनेक्शन लेते समय उपभोक्ता और ऊर्जा निगम दोनों को ही कनेक्शन पर सालाना बिजली खपत की जानकारी नहीं होती। ऐसे में कनेक्शन लेते समय जमा की जाने वाली सिक्योरिटी राशि पर सवाल उठना आम बात है।

यदि उपभोक्ता सुरक्षा जमा से अधिक बिजली की खपत करता है तो उससे अतिरिक्त सुरक्षा जमा की मांग की जाती है। जिन उपभोक्ताओं की बिजली खपत सुरक्षा जमा से कम है, उनका बिल कम करके भेजा जाता है।

चक्र 30 दिनों तक चलता है

बिजली बिल का चक्र 30 दिनों का होता है, जबकि इसे तैयार करने और उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में दो से सात दिन का समय लगता है। उपभोक्ताओं को बिल का भुगतान करने के लिए सात से 15 दिन का समय दिया जाता है। ऐसे में उपभोक्ता तब तक 45 दिनों की बिजली खपत कर चुका होता है। ऐसे में अधिक बिजली खपत पर एएसडी भी वसूला जाता है।

Disclaimer

This is a kind of entertainment news website, on which we pick up all kinds of information from different web sites and present it to the people, if there is any mistake by us, then you can contact us, we will try and make this website even better.