CAA Rule Update: देशभर में लागू हुआ CAA, मोदी सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

0
410

केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम है. इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा. उधर, केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद दिल्ली, उत्तर समेत कई राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Follow Now

दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सीएए को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. इसे पार्टी ने बड़ा मुद्दा बनाया था. गृह मंत्री अमित शाह हाल ही के अपने चुनावी भाषणों में कई बार नागरिकता संशोधन कानून या CAA को लागू करने की बात कर चुके थे. उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा. अब केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे लागू कर दिया है.

CAA के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है. केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित एक वेब पोर्टल तैयार किया गया है. तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी. इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी.

2019 में केंद्र सरकार ने कानून में किया था संशोधन


साल 2019 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया था. इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था. नियमों के मुताबिक, नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा.

किन लोगों को मिलेगी नागरिकता?


नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास है. पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया गया है. ऐसे प्रवासी नागरिक, जो अपने देशों में धार्मिक उत्पीड़न से तंग आकर 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर शरण ले चुके हैं. इस कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुस आए हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हैं, लेकिन तय अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक गए हों.

नागरिकता के लिए करना होगा ये काम


सरकार ने पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाया है. इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है. आवेदक अपने मोबाइल फोन से भी एप्लाई कर सकता है. आवेदकों को वह साल बताना होगा, जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था. आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. नागरिकता से जुड़े जितने भी ऐसे मामले पेंडिंग हैं वे सब ऑनलाइन कन्वर्ट किए जाएंगे. पात्र विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. उसके बाद गृह मंत्रालय जांच करेगा और नागरिकता जारी कर देगा.

Disclaimer

This is a kind of entertainment news website, on which we pick up all kinds of information from different web sites and present it to the people, if there is any mistake by us, then you can contact us, we will try and make this website even better.