बिहार के आगामी 2025-26 के बजट को लेकर पटना में मंगलवार को एक अहम बैठक हो रही है. बैठक की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी कर रहे हैं. इनके साथ बिहार सरकार के मंत्री नीतीश मिश्रा और मंत्री सुमित कुमार के अलावा विभागों के प्रधान सचिव और सचिव मौजूद हैं.
बैठक को लेकर सम्राट चौधरी ने बताया, आगामी 2025-26 के बजट का स्वरूप इस बैठक में तैयार किया जाएगा. किस विभाग को कितनी राशि आवंटित करनी है और पहले से जारी विभिन्न योजनाओं को कैसे आगे लेकर जाना है, सब कुछ इस बैठक में तय होगा. सम्राट चौधरी से जब यह पूछा गया कि पिछले तीन साल से बिहार के लोक कलाकारों को राज्य व मेधा पुरस्कार क्यों नहीं दिया जा रहा तो इसपर उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा, मैं इसको दिखवा लूंगा. उन्होंने कहा, इस मामले को लेकर सरकार गंभीर है.
बता दें कि इस बार बिहार का सालाना बजट 3 लाख करोड़ के पार जा सकता है. पिछले साल का बजट 2.78 लाख करोड़ था, जिसमें 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकती है. बताया जा रहा है कि इस बार के बजट में रोजगार और महिला उत्थान को प्राथमिकता दी जा सकती है. चुनावी साल है, लिहाजा सरकार का फोकस अधिक से अधिक नौकरी देने और महिलाओं के कल्याण पर हो सकता है.
बजट में जिन मुद्दों को प्राथमिकता मिल सकती है, उनमें शहरी क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए जीविका के विस्तार, पिछड़े वर्गों के लिए सहायता योजना (प्रतियोगी परीक्षाओं में पास होने पर एकमुश्त नकद राशि दिए जाने का प्रावधान) का विस्तार, गरीब परिवारों के रोजी-रोजगार के लिए 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का विस्तार आदि शामिल हैं.
बजट 2025-26 में शिक्षा और स्वास्थ्य को तरजीत मिल सकती है. पिछले बजट में शिक्षा विभाग का बजट कुल बजट का 18 प्रतिशत यानी 52,639 करोड़ रुपये था. इसे इस बार 20 से 22 प्रतिशत तक किया जा सकता है. स्वास्थ्य क्षेत्र की बात करें तो दवाओं की उपलब्धता बढाने, अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं को बढ़ाने, नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना आदि को लेकर बजट की राशि बढ़ाई जा सकती है. पिछले बजट में स्वास्थ्य विभाग का बजट 14,932 करोड़ रुपये अलॉट किया गया था.
शिक्षा और स्वास्थ्य के अलावा, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का बजट भी बढ़ाया जा सकता है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार में आने पर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत पेंशन की राशि बढ़ाने का वादा किया है. हो सकता है कि सरकार पहले ही पेंशन आदि की राशि बढ़ा दे. इसके अलावा किसानों के लिए भी बजट में खास प्रावधान किए जा सकते हैं. खाद, बीज, कृषि उपकरण आदि में किसानों को और अधिक सहूलियत हो, इसके इंतजाम किए जा सकते हैं. इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड और फसल बीमा का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है.