राज्य के शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है। अभी तक शिक्षकों को राज्य मुख्यालय या अन्य जिलों में जाकर आवासीय प्रशिक्षण लेना पड़ता था जिसकी वजह से महिला शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता था। अब शिक्षकों को पदस्थापना वाले जिले में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने योजना तैयार कर ली है ये जनवरी से लागू होगी।
राज्य के शिक्षकों को अगले साल से उनके पदस्थापना वाले जिले में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में शिक्षकों की हाजिरी बायोमेट्रिक माध्यम से ली जाएगी। अभी तक की व्यवस्था में शिक्षकों को राज्य मुख्यालय या अन्य जिलों में जाकर आवासीय प्रशिक्षण लेना पड़ता है।
महिला शिक्षकों को परेशानी
राज्य मुख्यालय या अन्य जिलों में जाकर प्रशिक्षण लेने के दौरान शिक्षकों को काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं। वहीं सबसे ज्यादा परेशानी महिला शिक्षकों को होती है। नई व्यवस्था से महिला शिक्षकों को प्रशिक्षण लेने में आसानी होगी। इसे लेकर शिक्षा विभाग की ओर से कार्य योजना तैयारी की गई है, जिसे जनवरी से लागू किया जाएगा।
स्कूल का प्रदर्शन कमजोर तो नए सिरे से प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.एस. सिद्धार्थ ने जिलों में ही शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करने का निर्देश सभी जिलों को दिया है। नये शैक्षणिक सत्र से शिक्षा विभाग का बड़ा फोकस सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने पर होगा। इसमें छात्रों से लेकर शिक्षकों तक के प्रदर्शन को आंकने के लिए नए-नए मानकों पर काम किया जाएगा।
हर साल दिया जाएगा शिक्षकों को प्रशिक्षण
- सभी शिक्षकों को हर साल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- जिन स्कूलों का प्रदर्शन लर्निंग आउटकम में कमजोर रहेगा, उन शिक्षकों को यह प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के जरिए दिया जाएगा।
- शिक्षकों को प्रशिक्षण सभी नवाचारों व मानकों के आधार पर दिया जाएगा।
मॉनिटरिंग सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे।
इसके साथ ही प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में विद्या समीक्षा केंद्र के नाम से एक मॉनिटरिंग सेंटर भी स्थापित होगा। ट्रायल के तौर पर एनसीईआरटी ने इसका मॉडल भी विकसित कर लिया है। शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के साथ ही उनके स्कूलों के प्रदर्शन पर भी निगाह रखी जाएगी। स्कूलों की निगरानी जिला स्तर से ही करने की तैयारी है।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में बहु-कौशल माड्यूलर पाठ्यक्रम लागू होंगे
राज्य के सभी 149 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में बहु-कौशल माड्यूलर पाठ्यक्रम लागू किए जाएंगे। इसे लेकर श्रम संसाधन विभाग की ओर विशेषज्ञों की कमेटी गठित की गई है, जो उद्योग की मांग के अनुसार बहु-कौशल माड्यूलर पाठ्यक्रम को तैयार करेगी।
साथ ही कमेटी आइटीआइ भवन, उपकरण और अन्य आधारभूत सुविधाओं को उन्नत करने पर सुझाव देगी। मंत्री संतोष कुमार सिंह के मुताबिक पाठ्यक्रम पूरा करने के उपरांत युवाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रमों के नियोजन और कार्यान्वयन में उद्योगों और अन्य हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
आइटीआइ को अकादमिक, प्रशासनिक, वित्तीय और प्रबंधन मामलों में संस्थानों को पर्याप्त स्वायत्तता दी जाएगी। संस्थानों के विकास के लिए आय उत्पन्न करने की योजनाएं बनाई जाएंगी।
युवाओं को उद्योग केंद्रित प्रशिक्षण को प्राथमिकता
श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बहु-कौशल माड्यूलर पाठ्यक्रम के तहत युवाओं को उद्योग केंद्रित प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों के नियोजन और कार्यान्वयन में उद्योगों और अन्य हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के विकास के लिए आमदनी पैदान करने वाली की योजनाएं बनाई जाएंगी। औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों के कर्मियों की जरूरतों के अनुसार विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।