Bihar News: केके पाठक के आदेश पर ‘मिशन दक्ष’ की शुरुआत, अब पढ़ाई में कमजोर 50 हजार बच्चों को गोद लेंगे 10 हजार शिक्षक

0
659

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विद्यालयों के निरीक्षण में देखा कि सरकारी विद्यालयों में नामांकित बड़ी संख्या में बच्चों को कक्षा अनुरूप ज्ञान नहीं है। इसको देखते हुए उन्होंने बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया। उन्होंने दक्ष मिशन की शुरुआत कर दी। इस अभियान में हर विद्यालय के कमजोर बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। इन कमजोर बच्चों को कोई ना कोई शिक्षक गोद लेंगे।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Follow Now

तीन हजार बीपीएससी शिक्षकों की बहाली के बाद जिला में शिक्षकों की संख्या अब 10 हजार पार हो गई है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विद्यालयों के निरीक्षण में देखा कि सरकारी विद्यालयों में नामांकित बड़ी संख्या में बच्चों को कक्षा अनुरूप ज्ञान नहीं है।

यानी आठवीं तक की कक्षा में नामांकित कई बच्चे ठीक से हिंदी और अंग्रेजी पढ़ भी नहीं सकते हैं। इतना ही नहीं वे गणित का मामूली जोड़-घटाव भी नहीं कर सकते हैं। इससे ठीक करने के लिए मिशन दक्ष की शुरुआत कर दी गई है।

इस अभियान में हर विद्यालय के कमजोर बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। इसका चयन तीसरी से आठवीं तक की कक्षा में नामांकित बच्चों के बीच से किया जाएगा। इन कमजोर बच्चों को कोई ना कोई शिक्षक गोद लेंगे। उसे कक्षा के समय से अलग पढ़ाएंगे।

प्रधानाध्यापकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग में मिली जानकारी

पहले चरण में विद्यालय के कमजोर बच्चों की पहचान प्रधानाध्यापक को पूरी करनी है। वे हर विद्यालय के ऐसे बच्चों की सूची बीआरसी में जमा करेंगे।

फिर बीआरसी से हर शिक्षक को पांच-पांच कमजोर बच्चों का नाम दिया जाएगा। संबंधित शिक्षक उन बच्चों को गोद लेकर, पढ़ना-लिखना सिखाएंगे। कमजोर बच्चे आसपास के विद्यालयों के ही होंगे। प्रधानाध्यापक इसमें ऐसे बच्चों की खोज करेंगे, जो हिंदी और अंग्रेजी पढ़ना नहीं जान रहे हैं। या गणित का भी मामूली ज्ञान उसे नहीं है।

हाईस्कूल शिक्षकों को भी पढ़ाना होगा

मिशन दक्ष अभियान में पहली से 12वीं तक के शत प्रतिशत शिक्षकों को जोड़ा जा रहा है। हाईस्कूल के दसवीं और 12वीं के सभी शिक्षकों को बच्चों को गोद लेना है। उन्हें अपने विद्यालय के आसपास के किसी प्राथमिक या मध्य विद्यालय के बच्चों को गोद लेना है।

बांका के जिला शिक्षा पदाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि शिक्षकों को विद्यालय में कक्षा के बाद या दोपहर के समय किसी वक्त समय निकालकर इन बच्चों को पढ़ाकर आगे बढ़ाना है। मिशन दक्ष अभियान की शुरुआत हो गई है।

बुधवार को सभी विद्यालय प्रधान को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ऐसे कमजोर बच्चों की पहचान करने का टास्क दे दिया गया है। इस सप्ताह ही इस काम को सभी प्रधान पूरा कर लेंगे। इसके बाद एक दिसंबर से हर शिक्षक अपने पांच-पांच बच्चों को पढ़ाना शुरु कर देंगे।

Disclaimer

This is a kind of entertainment news website, on which we pick up all kinds of information from different web sites and present it to the people, if there is any mistake by us, then you can contact us, we will try and make this website even better.