Bihar Breaking News! सरकारी जमीन, मकान और संपत्ति पर कब्जा अब नहीं होगा आसान; सदन में संशोधन विधेयक पारित

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Bihar Breaking News! सरकारी जमीन, मकान और संपत्ति पर कब्जा अब नहीं होगा आसान; सदन में संशोधन विधेयक पारित
Bihar Breaking News! सरकारी जमीन, मकान और संपत्ति पर कब्जा अब नहीं होगा आसान; सदन में संशोधन विधेयक पारित

सरकारी जमीन मकान और संपत्ति पर कब्जा अब आसान नहीं होगा। दरअसल बिहार विधानसभा में बिहार सरकारी परिसर (आवंटन किराया वसूली बेदखली) संशोधन विधेयक पारित किया गया है। इस विधेयक के माध्यम से सरकारी संपत्ति के आवंटन किराया वसूली और बेदखली के नियमों को कड़ा किया जा सकेगा। मंत्री जयंत राज ने इस विधेयक को लेकर सारी जानकारी दी है।

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प्रदेश सरकार की जमीन, मकान या किसी भी अन्य संपत्ति पर कब्जा करना या लीज पर लेने के बाद समय पर भुगतान न करने की स्थिति में संबंधित लोगों से कड़ाई से निपटा जा सकेगा।

अब तक सरकारी संपत्ति के आवंटी या लीजधारी से आवंटन, किराया, वसूली या बेदखली का कोई कठोर कानून नहीं था। अब इसे नियमों में बांधने के लिए बुधवार को विधानसभा में बिहार सरकारी परिसर (आवंटन, किराया, वसूली, बेदखली) संशोधन विधेयक पारित किया गया।

भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने पेश किया बिल

विधानसभा की दूसरी पाली प्रारंभ होते ही विपक्ष के सदस्य वक्फ संशोधन बिल वापसी की मांग को लेकर आसन के निकट आ गए और प्रदर्शन करने लगे। विपक्ष के इसी प्रदर्शन के बीच भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने सदन में सरकारी जमीन, मकान और संपत्ति से संबंधित संशोधन विधेयक पेश किया।

मंत्री ने सदन में क्या कहा?

मंत्री जयंत राज ने सदन को बताया कि सरकारी परिसरों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों से किराया वसूल करने, आवंटन निरस्त करने या फिर उक्त सरकारी संपत्ति से संबंधित व्यक्ति को बेदखल करने के लिए 1956 का अधिनियम प्रभावी था।

समय के साथ कई नए आयाम और मुद्दे उत्पन्न हुए हैं। जो वर्तमान अधिनियम में शामिल नहीं। जिस वजह से लीज पर आवंटित सरकारी भूमि को खाली कराने, लीज किराये का पुनर्निर्धारण करने तथा बकाया लीज वसूली में कठिनाई होती थी।

उन्होंने सदन में पेश बिहार सरकारी परिसर (आवंटन, किराया, वसूली, बेदखली) संशोधन विधेयक 2024 का हवाला देकर कहा कि इस विधेयक में सारे प्रविधान किए गए हैं। नए प्रविधान प्रभावी होने से सरकारी परिसर पर कब्जे की आशंका को कम किया जा सकेगा।

आवश्यकता के आधार पर सरकार नियम अवधि के लिए सरकारी परिसर को सरकारी, अद्र्ध सरकारी, वैधानिक संस्थाओं को आवंटित कर सकेगी। बाद में विपक्ष की गैर मौजूदगी में विधेयक को ध्वनि मत से पारित किय गया।

छाड़ी नदी की सफाई कर गंगा नदी से जोड़ने की सदन में उठी मांग 

दूसरी ओर, गोपालगंज शहर के बीचोंबीच होकर गुजरने वाली छाड़ी नदी की सफाई का कार्य तेजी से चल रहा है। ऐसे में इस कार्य को जल्द पूरा कर छाड़ी नदी को गंगा नदी से जोड़ने की मांग विधानसभा में सदर विधायक कुसुम देवी ने उठाई।

उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री सुबाष सिंह की तरफ से इस योजना को पास कराने कार्य जल संसाधन विभाग से कराया गया था। इस पर कई महीनों से सफाई कार्य चल रहा है। सफाई का कार्य कुछ ही जगहों पर शेष बच गया है। इसे जल संसाधन विभाग की तरफ से पूरा नहीं किया गया।

वहीं, जल संसाधन विभाग की तरफ से इस योजना को जल्द से जल्द पूरा कराने का भरोसा दिया गया। सदर विधायक कुसुम देवी ने बताया कि छाड़ी नदी गंदगी का शिकार हो चुकी है।

ऐसे में इसकी सफाई के साथ हीरापाकड़ में बने रहे स्लुइस गेट को चालू कराने का कार्य भी होना चाहिए, ताकि लोगों को इससे राहत मिल सके। साथ ही सारण बांध पर सड़क बनाने की मांग भी सदर विधायक की तरफ से विधानसभा के माध्यम से जल संसाधन विभाग से की गई।

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