बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के मंदिर को लेकर दिए गया बयान पर सियासी माहौल गर्म हो गया है. एक तरफ बीजेपी ने उनके बयान पर आपत्ति जताई तो वहीं दूसरी ओर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी के नेता ने तेजस्वी के बयान का समर्थन किया है.
गुरुवार (04 जनवरी) को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी समेत इंडिया गठबंधन के तमाम नेताओं में हिंदू विरोधी बयान देने की होड़ मची हुई है. तेजस्वी का बयान हास्यास्पद है. सनातन का अपमान कर रहे हैं. जनता सबक सिखाएगी.
जहां तक तेजस्वी भूख खाना और अस्पताल की बात कर रहे हैं तो मैं कहना चाहता हूं कि कोरोना काल से पीएम मोदी गरीबों को मुफ्त अनाज दे रहे हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों का पांच लाख तक का मुफ्त इलाज हो रहा है.
तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी यादव खुद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं और यहां सरकारी अस्पतालों की क्या हालत है उस पर हमें कुछ कहने की जरूरत नहीं है. बीजेपी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सियासत नहीं कर रही है. यह तो धर्म आस्था का विषय है. तेजस्वी-लालू कब से गरीबों के हितैषी हो गए? रेल मंत्री रहते लालू तो नौकरी देने के बदले गरीबों की जमीन हड़प रहे थे.
जेडीयू ने कहा- ‘तेजस्वी के भाव को समझिए’
तेजस्वी के बयान का समर्थन करते हुए जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि बीजेपी के राजनैतिक कृपा से राम मंदिर नहीं बना, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बना है. बीजेपी क्यों क्रेडिट ले रही है? तेजस्वी की भाषा को मत देखिए. उनके भाव को समझिए. तेजस्वी ने अपनी भावना व्यक्त की है. तेजस्वी को धार्मिक आस्था में विश्वास है, लेकिन धार्मिक आस्था में सिर्फ विश्वास रखने से जन सरोकार से जुड़े विषयों का समाधान नहीं होता. यही तेजस्वी कहना चाह रहे हैं. तेजस्वी तो खुद कहे कि मुंडन कराकर लौटा हूं. मेरे यहां छठ होता है. तेजस्वी ने जो भी कहा है उससे हम लोग पूरी तरह सहमत हैं.
तेजस्वी यादव ने क्या बयान दिया है?
बता दें कि बीते बुधवार को तेजस्वी यादव मधुबनी गए थे. वहां एक कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि भूख लगेगी तो मंदिर जाओगे? खाना मिलेगा? वहां उल्टा दान मांग लेंगे. पैर कट जाएगा तो मंदिर जाकर पंडित को दिखाइएगा कि अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाइएगा?