Indigo Fuel Charge: कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में घटकर 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. इसी के चलते हवाई ईंधन के दामों में कटौती की गई है.
Indigo Fuel Charge Cut: हवाई यात्रा आने वाले दिनों में सस्ती हो सकती है. देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइंस इंडिगो ने हवाई ईंधन के दामों में कटौती के बाद फ्यूल चार्ज लगाने के फैसले को वापस लेने का फैसला किया है. एटीएफ के दामों में तेज उछाल के बाद अक्टूबर 2023 में इंडिगो ने फ्यूल चार्ज लगाने का फैसला लिया था. लेकिन कच्चे तेल के दामों में कटौती के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने हवाई ईंधन के दामों में कटौती की है जिसका फायदा इंडिगो ने हवाई यात्रियों को देने का फैसला किया है.
अफोर्डेबल हवाई यात्रा का वादा
फ्यूल चार्ज में कटौती के फैसले पर इंडिगो ने कहा, एटीएफ प्राइसेज डायनमिक होता है. और कीमतों में बदलाव होने पर हम अपने फेयर और कॉम्पोनेंट्स को एडजस्ट करते रहेंगे. इंडिगो ने कहा, एयरलाइंस अपने कस्टमर्स को अफोर्डेबल, ऑन-टाइम, विनम्र और परेशानी से मुक्त यात्रा प्रदान करने के अपने वादे के प्रति प्रतिबद्ध है.
अक्टूबर 2023 में लगा था फ्यूल चार्ज
इंडिगो ने हवाई ईंधन के दामों में बढ़ोतरी के बाद अक्टूबर 2023 में 300 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक घरेली और इंटरनेशनल रूट्स पर फ्यूल चार्ज लगाने का फैसला किया था. एक जनवरी 2024 से सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों ने हवाई ईंधन के दामों में 4 फीसदी कटौती करने का फैसला लिया था जिसके बाद इंडिगो ने फ्यूल चार्ज लगाने के फैसले को वापस ले लिया है.
एयरलाइंस (Airlines) का 40% लागत खर्च हवाई ईंधन पर
एयरलाइंस के ऑपरेटिंग लागत में 40 फीसदी हिस्सा हवाई ईंधन का होता है. हवाई ईंधन की कीमतों में उछाल के बाद एयरलाइंस की लागत बढ़ जाती है जिसके बाद उन्हें इसका भार कस्टमर्स पर डालना पड़ता है. लेकिन कच्चे तेल के दामों में कमी के बाद लगातार तीन महीने नवंबर, दिसंबर और जनवरी में हवाई ईंधन के दामों की समीक्षा करते हुए तेल कंपनियों ने कीमतों में कटौती कर दी है जिसके चलते फ्यूल चार्ज हटाने का फैसला इंडिगो ने लिया है.