भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक लिमिटेड (hajipur) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई ने 27 दिसंबर के आदेश के तहत वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
परिणामस्वरूप, बैंक ने 30 दिसंबर 2024 को कारोबार बंद होने से बैंकिंग व्यवसाय करना बंद कर दिया है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (बिहार) से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक (Assessment Officer) नियुक्त करने का आदेश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। इस तरह यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है।
इसके अलावा बैंक अधिनियम की आवश्यकताओं का पालन करने में भी विफल रहा है। रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक पुनीत पंचोली ने कहा कि बैंक का चालू रहना उसके जमाकर्ताओं (Depositors) के हितों के विपरीत है। इसके कारण बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के कारण अपने जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ रहेगा और यदि बैंक को अपना बैंकिंग कारोबार जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो इससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप बैंक पर तत्काल प्रभाव से जमा स्वीकार करने और जमा वापस करने सहित बैंकिंग व्यवसाय करने पर रोक लगाई जाती है। मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी (DICGC) अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत जमा बीमा (Insurance) और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से पांच लाख रुपये तक की राशि के लिए अपनी जमा राशि पर जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 98.47 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी (DICGC) से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
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