8th Pay Commission : सातवें वेतन आयोग का समय खत्म होने वाला है। 1 जनवरी 2026 से आठवां वेतन आयोग लागू होने वाला है। कहा जा रहा है कि इसमें महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) को बेसिक-पे में मिला दिया जाएगा। इससे नई सैलरी बनेगी।
8th Pay Commission: केंद्रीय सरकारी कर्मचारी (Central Government Employees) और पेंशनर इन दिनों 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सबकी नजर इस पर बात पर है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने से उनकी सैलरी और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही एक सवाल यह भी है कि क्या इस बार 8वें वेतन आयोग में भी डीए को मर्ज कर दिया जाएगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसे दावे किए जा रहे हैं। आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। वहीं सातवां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगा।
आठवें वेतन आयोग में अभी सरकार की ओर कछुए की रफ्तार से काम हो रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इसकी सिफारिशें शायद 2027 के बाद ही लागू हो पाएं। अभी तक आठवें वेतन आयोग के लिए कमेटी का गठन भी नहीं हुआ है। इस अनिश्चितता के बीच, ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कुछ अंतरिम राहत मिल सकती है। इसमें महंगाई भत्ते में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है।
क्या बेसिक सैलरी में जुड़ेगा DA
खबरें जरूर मीडिया में तैर रही हैं कि बेसिक सैलरी में डीए को मर्ज किया जा सकता है। हालांकि, इस बारे में सरकार का कहना है कि महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है। इधर कर्मचारी संघों ने बार-बार डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की मांग की है। लेकिन सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया है।
आमतौर पर जब भी कोई नया वेतन आयोग लागू होता है तो महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में समायोजित कर दिया जाता है और महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन शून्य से शुरू होता है। हालांकि आठवें वेतन आयोग में जिस तरह से देरी नजर आ रही है, ऐसे में महंगाई भत्ते में कई बार बदलाव हो सकते हैं। लिहाजा साल 2027 तक महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
सातवें वेतन आयोग में डीए में इजाफा
सरकार ने फेस्टिव सीजन से पहले जुलाई – दिसंबर 2025 की अवधि के लिए डीए और डीआर में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए डीए और डीआर में 58 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई। यह सातवें वेतन आयोग का अंतिम संशोधन था।
वहीं स्थापित नियम यह कहता है कि जब भी DA 50% के स्तर को छूता है, तो उसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाना चाहिए। जनवरी 2024 में ही DA 50% हो गया था, लेकिन सरकार ने इसे तब मर्ज नहीं किया। जानकारों का मानना है कि सरकार ने जानबूझकर इस विलय को 8वें वेतन आयोग के लिए रोक कर रखा है और वह इसी 50% के बेंचमार्क को आधार बना सकती है, न कि 61% को।
7वें वेतन आयोग का उदाहरण
जब 2016 में 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब भी सरकार ने उस समय के कुल DA को ही मर्ज करके गणना की थी। साथ ही बेस ईयर भी बदल दिया गया था। इससे सरकार को वित्तीय बोझ उठाना पड़ा था। लेकिन, इस बार की गणना के लिए कुछ अलग सोचा जा रहा है।
DA का कैलकुलेशन
महंगाई भत्ते (DA) की गणना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-IW) के आंकड़ों पर होती है। इसी इंडेक्स का एक ‘बेस ईयर’ यानी आधार वर्ष होता है, जिसके आधार पर महंगाई की तुलना की जाती है। अभी DA की गणना के लिए बेस ईयर 2016 है। इसे 7वें वेतन आयोग के लागू होने पर सेट किया गया था। अब जब 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होना है, तो सरकार DA की गणना के लिए बेस ईयर को भी बदलकर 2026 कर सकती है। बेस ईयर बदलना किसी गेम का स्कोर रीसेट करने जैसा है। जब बेस ईयर नया होता है, तो महंगाई भत्ते की गिनती भी नए सिरे से, यानी ‘शून्य’ से शुरू होती है।