Tea Cultivation: चाय का उत्पादन के लिए दार्जीलिंग, असम का नाम जाना जाता है. बिहार के किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया में चाय की खेती की जाती है. चाय की बढ़ती डिमांड को देखकर बिहार सरकार ने विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत चाय का रकबा बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. फिलहाल, चाय उत्पादन के मामले में बिहार देश में पांचवें स्थान पर है.
चाय की खेती की लागत
विशेष उद्यानिकी फसल योजना के के तहत चाय की खेती (Tea Cultivation) के लिए किसानों को 50% सब्सिडी दी जा रही है. जिसमें उद्यानिकी विभाग द्वारा चाय का खेती करने के लिए प्रति हेक्टेयर लागत 4,94,000 रुपये तय की गई है.
कितनी मिलेगी सब्सिडी
इस पर किसान को लागत की 50% सब्सिडी यानी 2,47,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा. यह राशि किसानों को दो किश्तों में 75:25 अनुपात में दी जाएगी. वहीं इस योजना के तहत 150 हेक्टेयर में चाय की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
इन जिलों के किसान ले सकते हैं लाभ
साथ ही इस योजना के तहत चार जिले के किसान ही इस योजना का लाभ ले सकते हैंं. उसमें कटिहार, किशनगंज, अररिया और पूर्णिया शामिल है.
यहां कर सकते हैं आवेदन
विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत इच्छुक किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. किसान बिहार उद्यानिकी विभाग के पोर्टल www.horticulture.bihar.gov.in के लिंक पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
यहां करें संपर्क
इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए नजदीकी जिले के सहायक निदेशक, उद्यान से भी संपर्क कर सकते हैं.