Tax on Bank FD : आने वाले बजट में आम आदमी को राहत देने के लिए काफी कुछ ऐलान हो सकता है. वित्तमंत्री के साथ बैठक में बैंकों ने एफडी पर इनकम टैक्स खत्म करने की मांग उठाई है. ऐसा होता है तो निवेशकों के हजारों रुपये हर साल बचेंगे.
ऐसा लगता है कि बैंक एफडी के दिन फिर से बहुरने वाले हैं. सरकार आने वाली 1 फरवरी को बजट 2025 जब पेश करेगी तो इस पर बड़ी राहत मिलने की संभावना है. अभी बैंक एफडी (Fixed Deposit) पर मिलने वाले ब्याज पर करदाता के इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स वसूला जाता है. बैंकों ने सरकार से गुहार लगाई है कि एफडी पर इस इनकम टैक्स को खत्म कर दिया जाए. ऐसा होता है तो आम आदमी को एफडी कराने पर तगड़ा मुनाफा होगा.
बजट से पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठक में वित्तीय संस्थानों, खासकर बैंकों ने बचत को बढ़ावा देने के लिए एफडी पर टैक्स प्रोत्साहन का सुझाव दिया है. हाल के दिनों में बचत में कमी के बीच बैंकों के सामने लोन बांटने के लिए फंड की दिक्कत आई थी. भविष्य में ऐसा न हो और लोग फिर से बैंकों की एफडी को एक मुनाफे वाला सौदा समझकर इसमें निवेश करें, इसके लिए जरूरी है कि उन्हें कुछ प्रोत्साहन दिया जाए.बॉन्ड और शेयरों पर भी मांगी सहूलियत
एडलवाइस म्यूचुअल फंड की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राधिका गुप्ता ने भी वित्त मंत्री के साथ बजट-पूर्व बैठक के दौरान पूंजी बाजार की दक्षता में सुधार और पूंजी बाजार समावेश को बढ़ाने के संबंध में भी सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन बचत यानी बॉन्ड और इक्विटी शेयर दोनों को प्रोत्साहन देने की सिफारिशें की गई है. इस बैठक में वित्त सचिव और दीपम (निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग) सचिव, आर्थिक मामलों और वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार भी शामिल हुए.
एफडी पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा-(Long term capital gain tax will be levied on FD)
सूत्रों का कहना है कि बैंक प्रतिनिधियों ने एफडी पर इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगाने के बजाय दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (LTCG) के साथ जोड़ने का सुझाव दिया है, ताकि जमा को प्रोत्साहित किया जा सके. सावधि जमा यानी से प्राप्त रिटर्न पर अभी आयकर लगाया जाता है. इससे लोग अपनी बचत को सावधि जमा में लगाने के बजाय कम टैक्स वाले विकल्पों जैसे म्यूचुअल फंड में लगा देते हैं.
कैसे मिलेगा इसका फायदा-(How to get its benefit)
मान लीजिए आपने 10 लाख रुपये की एफडी कराई और आपको 8 फीसदी का सालाना ब्याज मिल रहा है. 5 साल के लिए कराई गई इस एफडी पर आपको कुल मिलाकर 4 लाख रुपये का ब्याज मिला. मान लीजिए कि आप 30 फीसदी के इनकम टैक्स स्लैब में आते हैं तो एफडी के ब्याज पर 40 हजार रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगता, उसके ऊपर आपको स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा.
इसका मतलब हुआ कि आपको 3.60 लाख रुपये पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा. इस तरह आपको 1 लाख 8 हजार रुपये सिर्फ टैक्स के रूप में चुकाने पड़ेंगे. अगर इस पर एलटीसीजी लागू होता है तो आपको 12.5 फीसदी का एकमुश्त टैक्स देना पड़ेगा और कुल टैक्स महज 45 हजार रुपये होगा. इस तरह आपके करीब 63 हजार रुपये बचेंगे.