Toll Plaza : आजकल ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिनमें वाहन चालक और टोलकर्मियों के बीच वाद विवाद हो जाता है। कई सारे मामले तो लड़ाई झगड़े से लेकर खून खराबे तक पहुंच जाते हैं। दूसरी तरफ वाहन चालक अपना टोल बचाने के लिए कई प्रकार के बहाने भी बनाते हैं।
लेकिन अब राजमार्ग प्राधिकरण ने टोल प्लाजा पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किया है। इसमें अब सभी टोलकर्मियों को बॉडी कैमरा पहनना होगा ताकि रहागीरों और वाहन चालकों द्वारा की गई बदमाशी को रिकॉर्ड किया जा सके और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सके।
कई लोग ऐसे है जो टोल टैक्स ना भरने के चक्कर में लड़ जाते है या लंबी देरी तक खड़े रहते है फास्टैग जैसी खराबी के जैसे मसलों के कारण टोल बूथ अटेंडेंट्स और यात्रियों के बीच झड़पें होती रहती हैं।
बदमाश यात्रियों से निपटने के तरीके भी अपनाएं
इसके अलावा NHAI ने टोल कर्मियों को यात्रियों द्वारा किए जाने वाले अभद्र व्यवहार और उद्दंडता से बचने के लिए भी कई तरीका बताए गए हैं। अगर कोई वाहन चालक या यात्री चिल्लाता है या हाथापाई करता है तो तुरंत लेन पर्यवेक्षक को इसमें बीच बचाव करना चाहिए। अगर कोई राहगीर टोल टैक्स देने से मना कर रहा है तो उसे प्यार से समझना चाहिए और फिर भी ना मानने पर FIR करवानी चाहिए।
जब ऐसा कोई झगड़ा हो जाये तो स्टाफ के लोगों को लेन पर्यवेक्षक और राहगीर के बीच हो रही बात को रिकॉर्ड कर लेना चाहिए। टोल प्लाजा ऑपरेटरों को हिंसा की किसी भी घटना की जानकारी 12 घंटे के अंदर परियोजना निदेशक को देने का निर्देश दिया है।
टोलकर्मियों का पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी
SOP टोल पर काम करने वक्ले कर्मचारियों के पुलिस वेरिफिकेशन को भी अनिवार्य करता है। इसके अलावा उन्हें ड्यूटी के समय वर्दी पहनने को भी कहा गया है। इन आवश्यकताओं को अब NHAI और टोल ऑपरेटरों के बीच हस्ताक्षरित अनुबंध दस्तावेज में शामिल करने का निर्देश भी एनएचएआई ने दिया है।