राज्य में जिन राशन कार्डधारकों ने आधार सीडिंग नहीं कराया है, उनके लिए राशन कार्ड से आधार सीडिंग कराने का यह आखिरी मौका है।
सरकार ने 31 मार्च तक राशन कार्ड से आधार सीडिंग कराने की सुविधा दी है। इसके बाद जिन लाभुकों का राशन कार्ड से आधार लिंक नहीं होगा, उनका राशन कार्ड स्वत रद हो जाएगा।
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने जारी किया नया दिशा-निर्देश
इस संबंध में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सभी जिलों काे दिशा-निर्देश जारी किया है। निर्देश के मुताबिक खाद्य सुरक्षा योजना के दायरे में शामिल हर लाभुक का राशन कार्ड से आधार सीडिंग कराना अनिवार्य है।
खास बात यह कि राशनकार्ड में अंकित प्रत्येक सदस्य के लिए आधार संख्या की सीडिंग अनिवार्य की गई है। राशनकार्ड में अंकित किसी सदस्य की आधार सीडिंग नहीं करवाने पर उस सदस्य के खाद्यान्न लाभ नहीं मिलेगा यानी ऐसे लाभुक परिवार वंचित हो सकता है।
महत्वपूर्ण बात यह कि विभाग द्वारा ई-केवाईसी की प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए अब फेसियल ई-केवाईसी की सुविधा शुरू कर की गई है।
जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए सरकार ने राशनकार्ड में अंकित सभी सदस्यों के आधार सीडिंग को अनिवार्य किया है। यह केंद्र सरकार के निर्देश के आलोक में किया जा रहा है।
सभी राशन कार्डधारियों से किया गया अनुरोध
खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने राज्य के सभी राशन कार्डधारियों से अनुरोध किया है कि वे अपने राशन कार्ड में अंकित प्रत्येक सदस्य की आधार सीडिंग तय तिथि के अंदर सुनिश्चित करा लें।
इसके लिए प्रत्येक सदस्य देश के किसी भी राज्य के लक्षित जन वितरण प्रणाली विक्रेता की दुकान पर जाकर निशुल्क आधार सीडिंग करा सकते हैं।
अगर किसी राशन कार्ड में अंकित किसी सदस्य आधार सीडिंग 21 मार्च तक नहीं की जाएगी तो ऐसे सदस्य का नाम राशन कार्ड से एक अप्रैल के प्रभाव से खत्म हो जाएगा।
ऊर्जा सचिव ने रेवन्यू मैनेजमेंट सिस्टम को इसी वर्ष से लाइव करने का दिया निर्देश
बिजली कंपनी के सीएमडी सह ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि रेवन्यू मैनेजमेंट सिस्टम (RMS) को इसी वर्ष से लाइव किया जाए।
इस सिस्टम के माध्यम से बिलिंग प्रक्रिया को सुदृढ़ व पारदर्शी किया जाएगा। इस संबंध में बताया गया कि वर्तमान में दो अलग-अलग सिस्टम एसएपी और एनआईसी के माध्यम से ग्रामीण व शहरी उपभोक्ताओं की बिलिंग का प्रबंधन किया जाता है।
इससे समन्वय में कठिनाई होती है। इन सभी को एकीकृत प्लेटफार्म पर लाने के लिए आरएमएस प्रणाली को विकसित किया गया है।
इस नयी प्रणाली के तहत पोस्टपेड व प्रीपेड दोनों प्रकार की बिलिंग को एक ही प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को अधिक सटीक और समय पर बिलिंग की सुविधा मिलेगी।
आरएमएस के माध्यम से बिलिंग सिस्टम डिजिटली रुप से अधिक सक्षम होगा। उपभोक्ताओं को निर्बाध सेवा मिलेगी।
ऊर्जा सचिव ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि आरएमएस सिस्टम को यथाशीघ्र लाइव किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को इसका लाभ जल्द मिल सके और राजस्व संग्रहण प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
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