पहले जब कोई फ्लैट खरीदता था तो फ्लैट का कब्जा लेने के बाद ही स्टाम्प ड्यूटी चुकाई जाती थी, लेकिन अब नियम बदल गए हैं।
खरीदना हर किसी का सपना होता है। कई लोग सालों तक अपने ‘सपनों के घर’ के लिए पैसे बचाते हैं। लेकिन, जब फ्लैट बुक करने की बात आती है, तो घर खरीदने की प्रक्रिया के नियम अक्सर अचानक बदल जाते हैं। जो कई बार बाद में सिरदर्द का कारण बन जाते हैं। ऐसा ही एक बड़ा और अहम कदम हाल ही में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने उठाया है।
पहले जब कोई फ्लैट खरीदता था तो फ्लैट का कब्जा लेने के बाद ही स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ती थी। लेकिन अब नए नियमों के मुताबिक बुकिंग के समय ही स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी। इसका मतलब यह है कि घर खरीदने का सपना देखने वाले खरीदारों को अब बुकिंग से पहले ज्यादा वित्तीय तैयारी करनी होगी।
नए नियम के पीछे क्या वजह है?
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, कई बिल्डर समय पर प्रोजेक्ट पूरे नहीं कर रहे हैं। कुछ तो 10 साल से अधबने पड़े हैं। इससे खरीदारों को आर्थिक नुकसान होता है और उन्हें समय पर घर नहीं मिल पाता। इस समस्या के समाधान के लिए अथॉरिटी ने अब एक कदम आगे बढ़ाते हुए बुकिंग के समय रजिस्टर्ड “एग्रीमेंट टू सेल” बनाना अनिवार्य कर दिया है।
क्या है नियम?
जब खरीदार फ्लैट की कीमत का 10% भुगतान करेगा, तो उसका “एग्रीमेंट टू सेल” रजिस्टर हो जाएगा।
इसके लिए आपको संपत्ति के बाजार मूल्य (आमतौर पर 6% से 7%) के आधार पर स्टांप ड्यूटी देनी होगी।
फ्लैट के कब्जे के समय, केवल 100 रुपये के स्टांप पर “कब्जा विलेख” पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
इस नई नीति से बिल्डर्स परेशान हैं। उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर खरीदार बुकिंग के बाद फ्लैट को रद्द करता है, तो क्या उसे स्टांप ड्यूटी वापस मिलेगी? प्राधिकरण ने अभी तक इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। इससे भविष्य में कानूनी विवाद होने की भी संभावना है।
27 अक्टूबर को हुई 136वीं बोर्ड मीटिंग में इस कॉन्सेप्ट को मंजूरी दी गई। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि बुकिंग के समय ही फ्लैट की रजिस्ट्री करके उसे किसी और को न बेचा जाए और सरकार को भी समय पर स्टांप ड्यूटी का राजस्व मिले।
संक्षेप में कहें तो अगर अब आप ग्रेटर नोएडा में घर खरीदना चाहते हैं तो बुकिंग के समय आपको बड़ी रकम खर्च करनी होगी। इसलिए घर खरीदने वालों के लिए इस नए नियम के हिसाब से प्लानिंग करना जरूरी होगा।
यह नियम अभी ग्रेटर नोएडा में लागू किया गया है, लेकिन महाराष्ट्र में फिलहाल इसे लेकर कोई हलचल नहीं है।
Fixed Deposit Rule : न्यूनतम कितनी राशि की एफडी की जा सकती है, 5000 या 10,000?