Employee gratuity limit increased: 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) 2021 के तहत सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, मृत्यु पर ग्रेच्युटी की सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
Central Government Employee Gratuity: केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता 50 फीसदी के पार हो गया है. महंगाई भत्ते में इस बढ़ोतरी की वजह से 1 जनवरी 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर मिलने वाली ग्रेच्युटी 25 लाख रुपये हो गई है, जो पहले 20 लाख रुपये थी.
केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर मिलने वाली 25 लाख रुपये की ग्रेच्युटी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. यह पूरी तरह से टैक्स फ्री है. हालांकि, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की सीमा सिर्फ 20 लाख रुपये है.
ग्रेच्युटी बढ़कर 25 लाख रुपये हुई….!
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50 फीसदी पहुंचने के बाद सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा बढ़ा दी है.
इस आदेश में बताया गया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के सरकार के फैसले के आधार पर केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) 2021 के तहत सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है और इसे 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है, जो एक जनवरी 2024 से लागू हो गया है.
ग्रेच्युटी क्या है?
ग्रेच्युटी वह राशि है जो कर्मचारियों को उनके नियोक्ता को दी गई सेवाओं के बदले सम्मान के तौर पर दी जाती है। यह कर्मचारी को उसके संगठन में उसकी दीर्घकालिक सेवाओं के बदले, उसकी सेवानिवृत्ति पर या 5 साल की अवधि के बाद कंपनी छोड़ने पर दी जाती है। ग्रेच्युटी किसी भी कर्मचारी के सकल वेतन का एक घटक है, लेकिन इसे नियमित आधार पर नहीं दिया जाता है। बल्कि, कर्मचारी के कंपनी छोड़ने पर एकमुश्त भुगतान किया जाता है।
ऐसे होती है ग्रेच्युटी की गणना!
ग्रेच्युटी की गणना कर्मचारी को हर महीने मिलने वाले वेतन के आधार पर की जाती है। ग्रेच्युटी पाने के लिए किसी भी कर्मचारी का कम से कम 5 साल तक लगातार सेवा करना जरूरी है। हालांकि, कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में यह नियम लागू नहीं होता है। 5 साल की अवधि के लिए ग्रेच्युटी की गणना करने के लिए एक साल में 240 दिन कार्य दिवस के तौर पर गिने जाते हैं।
ग्रेच्युटी किसी भी कर्मचारी को तब दी जाती है जब वह सेवा से रिटायर होता है, जब वह रिटायरमेंट के योग्य होता है, जब वह 5 साल तक एक ही कंपनी में सेवा देने के बाद इस्तीफा देता है, जब किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है या जब वह बीमारी या दुर्घटना के कारण विकलांग हो जाता है।
ग्रेच्युटी गणना नियमों में बदलाव की मांग
हाल ही में ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में ग्रेच्युटी गणना नियमों में बदलाव की मांग की है ताकि कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर अधिक ग्रेच्युटी मिल सके। इन संगठनों ने वित्त मंत्री से ग्रेच्युटी भुगतान गणना को साल के 15 दिनों के वेतन से बढ़ाकर एक महीने के वेतन करने की मांग की है ताकि कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर अधिक ग्रेच्युटी मिल सके।