दिवाली या शादी के सीजन में देश में सोने-चांदी की खपत बढ़ जाती है। त्योहारी सीजन में सोने-चांदी की दुकानों को बेहद आकर्षक तरीके से सजाया जाता है, वहीं ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई तरह के ऑफर भी पेश किए जाते हैं।
दरअसल, हिंदू धर्म में माना जाता है कि दिवाली देवी लक्ष्मी का त्योहार है। ऐसे में धनतेरस और दिवाली के दिन सोना खरीदने से घर में लक्ष्मी आती है और समृद्धि बनी रहती है। वहीं, पारंपरिक प्रथा के अनुसार भारत में लोग शादियों में सोना देते हैं।
वैसे तो सोना-चांदी खरीदने की एक सीमा होती है। उस सीमा से ज़्यादा खरीदने पर सरकार को कुछ जानकारी देनी होती है। सरकार ने यह नियम काले धन का पता लगाने के लिए लगाया है। ऐसे में आपके लिए सोना-चांदी के लेन-देन से जुड़े नियमों के बारे में जानना ज़रूरी है, खासकर कैश का इस्तेमाल करते समय।
वैसे तो सोना-चांदी खरीदने की एक सीमा होती है।
उस सीमा से ज़्यादा खरीदने पर सरकार को कुछ जानकारी देनी होती है। सरकार ने यह नियम काले धन का पता लगाने के लिए लगाया है। ऐसे में आपके लिए सोना-चांदी के लेन-देन से जुड़े नियमों के बारे में जानना ज़रूरी है, खासकर कैश का इस्तेमाल करते समय।
क्या नकद में सोना खरीदने की कोई सीमा है?
इसके अलावा, आयकर विभाग ने नकद में सोना खरीदने के संबंध में अपने नियमों को भी कड़ा कर दिया है, जिसमें एक निश्चित सीमा से अधिक नकद निकासी पर टीडीएस और व्यक्तियों के बीच एक दिन में नकद लेनदेन की अधिकतम राशि पर प्रतिबंध शामिल हैं।
आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत, आप एक दिन में सोने के लिए केवल 2 लाख रुपये तक का नकद लेनदेन कर सकते हैं। यदि यह इससे अधिक है, तो प्राप्तकर्ता पर आयकर अधिनियम की धारा 271D के तहत नकद में लेनदेन की गई राशि के बराबर राशि का जुर्माना लगाया जा सकता है।