EPF पेंशन केंद्र की मोदी सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की पेंशन योजना में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। सरकार कई प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रही है।
पीएफ धारकों (PF holders) को अब तक दी जाने वाली 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन को सम्मानजनक स्तर तक बढ़ाने की योजना है। कर्मचारियों को ईपीएस फंड (EPS Fund) में योगदान बढ़ाने का विकल्प देने पर भी चर्चा हो रही है।
सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की पेंशन में बड़े बदलाव करके इसे आकर्षक बनाने के प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इस क्रम में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव ईपीएफ पेंशनधारक (EPF pensioners) की मृत्यु के बाद उसके बच्चों और उसके जीवन साथी को पेंशन फंड में जमा राशि देने का है।
अंशदान बढ़ाने के विकल्प पर भी चर्चा?-(The option of increasing contribution is also discussed?)
श्रम मंत्रालय इस प्रस्ताव को EPF सदस्यों को पेंशन योजना से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण मान रहा है। मंत्रालय लंबी सेवा अवधि के बाद भी कम पेंशन को तर्कसंगत बनाने पर विचार कर रहा है, जिसमें मौजूदा 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल है।
EPF के तहत सामाजिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए श्रम मंत्रालय ईपीएस-1995 योजना के तहत सदस्यों को उच्च पेंशन के लिए ईपीएस फंड में अपना अंशदान बढ़ाने का विकल्प देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
चिंताओं को दूर करने की जरूरत?-(Need to allay concerns?)
सूत्रों के अनुसार पेंशन सुधारों से संबंधित इन परामर्शों के दौरान कर्मचारी भविष्य निधि से संबंधित पेंशन योजना को आकर्षक बनाने के साथ-साथ इसके सदस्यों की चिंताओं को दूर करने की जरूरत जताई गई। शीर्ष स्तर पर हुई चर्चाओं के दौरान यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि बड़ी संख्या में ईपीएफ सदस्यों (EPF Members) के मन में यह दुविधा है कि पेंशन लाभ मिलने के बाद पेंशन फंड में जमा उनका पैसा वापस नहीं मिलेगा।
मृत्यु पर मिलेगी पारिवारिक पेंशन-(Family pension will be available on death)
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार की राय स्पष्ट है कि पेंशन कोष की राशि उसके सदस्यों की है। ऐसे में इस दुविधा को खत्म करने के लिए जरूरी सुधारों के साथ ही यह स्पष्ट करना होगा कि पेंशन कोष में जमा राशि से ही उन्हें पेंशन मिलेगी और उनकी मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन का लाभ पति या पत्नी को मिलेगा। दोनों की मृत्यु के बाद पेंशन कोष की शेष जमा राशि उनके नामित-आश्रित बच्चों को मिलेगी। न्यूनतम राशि की समीक्षा की बात
मंत्रालय का मानना है कि EPF के ढांचे में इस बड़े बदलाव के बाद इसके सदस्यों का इस पेंशन योजना के प्रति आकर्षण निश्चित रूप से बढ़ेगा। पेंशन को तर्कसंगत बनाने के विकल्पों के बारे में अधिकारी ने कहा कि श्रम मंत्रालय और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन दोनों ही पेंशन की मौजूदा न्यूनतम राशि की समीक्षा के पक्ष में हैं।
यह भी जरूरी समझा जा रहा है कि शीर्ष अदालत के फैसले के परिप्रेक्ष्य में एक ओर जहां लोगों को EPF के तहत ज्यादा पेंशन मिलनी शुरू हो गई है, वहीं दूसरी ओर कई लोगों को सालों की सेवा के बाद भी कम पेंशन मिल रही है। ऐसे में लंबी सेवा अवधि को कारक बनाना जरूरी है, ताकि इस पेंशन को तर्कसंगत बनाया जा सके। अभी सिर्फ हजार रुपये पेंशन मिलती है….?
EPF के तहत न्यूनतम पेंशन सिर्फ एक हजार रुपये प्रतिमाह है और सुधारों के तहत इसकी समीक्षा करते हुए इसमें उल्लेखनीय वृद्धि की संभावनाओं पर मंथन चल रहा है। हालांकि, न्यूनतम मासिक पेंशन में वृद्धि की कोई राशि तय नहीं की गई है, लेकिन मंत्रालय से मिले संकेतों के अनुसार इसे सम्मानजनक बनाने पर विचार किया जा रहा है।
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