Income Tax Department ने छोटी कर मांगों को वापस लेने को लेकर Budget में की गई घोषणा के तहत प्रति Taxpayers एक लाख रुपये तक की सीमा निर्धारित की है।
Finance Minister Nirmala Sitharaman ने 2024-25 के लिए अपने अंतरिम बजट भाषण में एसेसमेंट ईयर 2010-11 तक 25,000 रुपये और AY 2011-12 से 2015-16 तक 10,000 रुपये तक की बकाया direct tax demand को वापस लेने की घोषणा की। इसमें शामिल कुल कर डिमांड करीब 3,500 करोड़ रुपये है।
CBDT ने 2024-25 के अंतरिम बजट में की गई घोषणा को अमल में लाने के लिए यह आदेश जारी किया। CBDT ने आदेश में कहा है कि 31 जनवरी, 2024 तक , Income Tax, Property Tax और Gift Tax से संबंधित ऐसी बकाया tax demands को माफ करने को लेकर प्रति Taxpayers के लिए एक लाख रुपये की अधिकतम सीमा तय की गई है।
एक लाख रुपये की सीमा में टैक्स डिमांड की Principal amount, interest, penalty or fee, cess, अधिभार शामिल है। हालांकि, आयकर अधिनियम के TDS (स्रोत पर कर कटौती) या TCS (स्रोत पर कर संग्रह) प्रावधानों के तहत कर कटौती करने वालों tax collectors के खिलाफ की गई मांगों पर यह छूट लागू नहीं होगी।
‘Credit’ या ‘Refund’ के किसी भी दावे का अधिकार नहीं
Nangia Anderson India के भागीदार मनीष बावा ने कहा कि निर्देश यह स्पष्ट करता है कि यह exempt taxpayers को ‘क्रेडिट’ या ‘रिफंड’ के किसी भी दावे का अधिकार नहीं देता है। इसके अतिरिक्त, exempt taxpayer के खिलाफ चल रही, नियोजित या संभावित आपराधिक कानूनी कार्यवाही को प्रभावित नहीं करेगी और किसी भी कानून के तहत कोई प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करती है।
सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था, ”बड़ी संख्या भें कई छोटी-छोटी प्रत्यक्ष कर मांग बही-खातों में लंबित है। उनमें से कई मांग वर्ष 1962 से भी पुरानी हैं। इससे ईमानदार करदाताओं को परेशानी होती है और रिफंड को लेकर समस्या होती है।”
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