Increase in charges on withdrawing money from ATM: गैर-मेट्रो शहरों में 3 बार मुफ्त लेनदेन किया जा सकेगा। इस सीमा से अधिक लेनदेन करने पर आपको हर बार बढ़ी हुई फीस देनी होगी।
अगर आप नियमित रूप से ATM से पैसे निकालते हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। 1 मई 2024 से आपको ATM से पैसे निकालने के लिए अतिरिक्त पैसे देने होंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ATM इंटरचेंज शुल्क बढ़ा दिया है। इसलिए, यदि आप मुफ़्त लेनदेन की सीमा पार करते हैं, तो आपसे प्रत्येक अतिरिक्त लेनदेन के लिए अधिक शुल्क लिया जाएगा।
नए नियमों के मुताबिक, फ्री ट्रांजेक्शन के बाद हर वित्तीय ट्रांजेक्शन पर 19 रुपये का शुल्क लगेगा, जो पहले 17 रुपये था। इसी तरह बैलेंस इंक्वायरी के लिए अब 7 रुपये का शुल्क लगेगा, जो पहले 6 रुपये था। फिलहाल दूसरे बैंकों के एटीएम से निकासी की सीमा तय है। मेट्रो शहरों में हर महीने 5 फ्री ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं, जबकि नॉन-मेट्रो शहरों में 3 फ्री ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं। अगर आप इस सीमा से ज़्यादा ट्रांजेक्शन करते हैं, तो आपको हर बार अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
RBI ने यह फैसला क्यों लिया? इसके पीछे व्हाइट लेबल ATM ऑपरेटर्स की मांग है। उनके मुताबिक ATM के रखरखाव और परिचालन लागत में बढ़ोतरी के कारण इन शुल्कों में बढ़ोतरी जरूरी थी। इसलिए अब बैंक भी ग्राहकों से यह बढ़ा हुआ शुल्क वसूल सकते हैं।
यूपीआई और डिजिटल भुगतान की बढ़ती लोकप्रियता के कारण एटीएम के इस्तेमाल में कमी आई है। नतीजतन, कई बैंकों ने नए एटीएम लगाने या बनाए रखने की संख्या कम कर दी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2014 में भारत में डिजिटल भुगतान का मूल्य 952 लाख करोड़ रुपये था, जो 2023 तक 3,658 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। इससे साफ पता चलता है कि लोग नकदी के बजाय डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता दे रहे हैं।
एटीएम शुल्क में वृद्धि से उपभोक्ताओं पर थोड़ा वित्तीय बोझ पड़ सकता है। हालांकि, अगर आप डिजिटल भुगतान का अधिक उपयोग करते हैं, तो इस अतिरिक्त लागत से बचा जा सकता है। साथ ही, बार-बार एटीएम का उपयोग करने के बजाय एक बार में बड़ी राशि निकालकर शुल्क बचाना संभव है। इसलिए, 1 मई से लागू होने वाले नए नियमों को ध्यान में रखते हुए अपने लेन-देन की योजना ठीक से बनाएं।
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