7th Pay Commission : फिटमेंट फैक्टर में बढ़ौतरी से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 49,420 रुपये का जोरदार उछाल

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Good News! इन सरकारी कर्मचारियों के दो भत्तों में हुई बढ़ोत्तरी, अब मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी, जानें डिटेल में
Good News! इन सरकारी कर्मचारियों के दो भत्तों में हुई बढ़ोत्तरी, अब मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी, जानें डिटेल में

7th Pay Commission : केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल कर्मचारियों की सैलरी में कई बड़े बदलाव होंगे। आपको बता दें कि इस बार केंद्रीय कर्मचारियों के ग्रेड-पे में 49,420 रुपये का जोरदार उछाल देखने को मिलेगा। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स (Central Government employees Pensioners) के लिए अच्छी खबर है। आने वाले महीनों में उनकी सैलरी में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।  नए सिरे से कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ेगा, वहीं सरकार अगले वेतन आयोग (New Pay Commission for Government Employees) पर भी अपडेट दे सकती है। लेकिन, सबसे अच्छी खबर फिटमेंट फैक्टर पर मिलने वाली है।

पहले बात महंगाई भत्ते (Dearness allowance) की करते हैं। AICPI इंडेक्स के अब तक आ चुके आंकड़ों से इशारा मिल रहा है कि अगली बार महंगाई भत्ते में  4-5 फीसदी की बढौतरी देखने को मिलेगी। इससे हाई सैलरी ब्रैकेट वाले कर्मचारियों को 20 हजार रुपए से ज्यादा का इजाफा होगा।  इसका सीधा फायदा 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनर्स को मिलेगा।

50 फीसदी के पार निकलेगा महंगाई भत्ता-

50 फीसदी महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) मिलने के बाद केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) इस बार केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4-5 फीसदी बढ़ा सकती है।  AICPI इंडेक्स के आंकड़े जारी हो चुके हैं।  अब तक महंगाई भत्ता 2.50 फीसदी बढ़ चुका है। फिलहाल डीए स्कोर 52.54 फीसदी पर है। अनुमान सही रहे तो महंगाई भत्ता 54 फीसदी तक पहुंच जाएगा।

8000 रुपए बढ़ जाएगी बेसिक सैलरी 

साथ ही फिटमैंट फैक्टर (Fitment Factor Hike) में भी इजाफा होने की चर्चाएं हैं।  अगर ऐसा हुआ केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में बंपर उछाल आएगा। 7th Pay Commission के तहत फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) में इजाफे से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 8860 रुपये का इजाफा होगा। फिटमेंट 2.57 फैक्टर फिलहाल है। अगर इसे बढ़ाकर 3.68 किया जाता है तो लेवल-1 के ग्रेड-पे की न्यूनतम सीमा 26,000 रुपए हो जाएगी। यानी की सीधे तौर पर सैलरी में 8000 रुपए की वृद्धि होगी।

49,420 रुपए बढ़ जाएगी सैलरी

उदाहरण के तौर पर-  लेवल-1 पर ग्रेड-पे 1800 पर केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से सैलरी की कैलकुलेशन 18,000 X 2.57= 46,260 रुपये होगी।अगर इसी को 3.68 मान लिया जाए तो सैलरी 26,000X3.68= 95,680 रुपये होगी।

मतलब कर्मचारियों की सैलरी में कुल अंतर 49,420 रुपए का होगा। ये कैलकुलेशन न्यूनतम  बेसिक सैलरी पर किया गया है। अधिकतम सैलरी वालों को और बड़ा फायदा होगा।

क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?

फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों का बेसिक वेतन (Basic Salary) तय करने का फॉर्मूला है। इसे सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) की सिफारिशों पर लागू किया था। इससे कर्मचारियों की सैलरी खुद ब खुद बढ़ जाती है।

लास्ट बार फिटमेंट फैक्टर 2016 में बढ़ाया गया था। तब केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees) की बेसिक सैलरी 6 हजार से बढ़ाकर 18 हजार रुपए की गई थी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, भत्तों को छोड़कर महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंट (HRA) वगैरह), कर्मचारी की बेसिक कंपोनेंट को फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुना करके निकाला जाता है।

NPS पर भी बड़ा अपडेट

कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी ये भी है कि केंद्र सरकार नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में इस साल के अंत से संशोधन कर सकती है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट भुगतान के तौर पर  तौर पर उनकी अंतिम सैलरी का कम के कम 40-45 फीसदी मिल सके।

इसकी सिफारिश हाई-लेवल पैनल ने की थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस मामले से जुड़े 2 अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल इस मामले पर विचार किया जा रहा है।

क्या हो सकता है बदलाव

NPS (National Pension Scheme) में सरकार कुछ बदलाव कर सकती है। संशोधित पेंशन योजना मार्केट रिटर्न से जुड़ी रहेगी। परंतु, केंद्र सरकार कर्मचारी की आखिरी सैलरी का कम से  कम 40 फीसदी देने के सिस्टम पर काम कर सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी का कहना है कि सरकार एक आधार राशि सुनिश्चित कर सकती है।  इसका मतलब है कि अगर भुगतान आधार राशि से कम है तो सरकार को पेंशन में कमी को पूरा करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ेगा। फिलहाल कर्मचारी औसतन 36 फीसदी से  38 फीसदी के बीच रिटर्न मिलता है।

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