NPCI-UPI App News: फिनटेक कंपनियां फोनपे (PhonePe) गूगल पे (Google Pay) और व्हाट्सऐप ( WhatsApp) के लिए बड़ी राहत की खबर है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने यूपीआई के जरिए किए जाने वाले ट्रांजैक्शन के वॉल्यूम पर लिमिट लगाने के अपने डेडलाइन को दो सालों के लिए आगे बढ़ा दिया है.
NPCI के इस फैसले के यूपीआई ट्रांजैक्शन में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली इन दोनों ही कंपनियां जितना ट्रांजैक्शन चाहे प्रोसेस कर सकेंगी. एनपीसीआई ने WhatsApp Pay पर से नए यूपीआई यूजर्स के जोड़ने की लिमिट को हटा दिया है जो तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है. एनपीसीआई के इस फैसले के बाद WhatsApp Pay भारत में अपने सभी यूजर्स को यूपीआई सर्विस ऑफर कर सकेगी.
क्या है पूरा मामला?
यूपीआई प्रेमवर्क को भारत में ऑपरेट करने वाली संस्था एनपीसीआई ने नवंबर 2020 में एक कंपनी के लिए ज्यादा से ज्यादा 30 फीसदी यूपीआई ट्रांजैक्शन वॉल्यूम लिमिट लगाने का प्रस्ताव दिया था जिससे किसी कंपनी की मोनोपॉली होने से बचा जा सके. लेकिन यूपीआई ऐप कंपनियों का तर्क था कि लिमिट लगाने से उनका ग्रोथ प्रभावित होगा साथ ही यूपीआई पेमेंट के ग्रोथ पर भी इसका असर पड़ेगा.
NPCI के डेटा के मुताबिक देश में होने वाले कुल यूपीआई ट्रांजैक्शन में PhonePe और Google Pay की हिस्सेदारी 47.8 फीसदी के करीब है. जिसमें PhonePe की हिस्सेदारी करीब 48 फीसदी और Google Pay की 37 फीसदी है. पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने एनपीसीआई के इस फैसले का स्वागत किया है. NPCI RBI और बैंकों की साझा संस्था है जिसपर भारत में रिटेल पेमेंट और सेंटलमेंट की जिम्मेदारी है.
WhatsApp Pay को भी राहत
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने WhatsApp Pay को पहले चरणबद्ध तरीके से यूजर्स बेस को बढ़ाने की इजाजत दिया था. पहले WhatsApp Pay को 100 मिलियन यानी 10 करोड़ यूपीआई यूजर्स ही जोड़ने की इजाजत दी गई थी. लेकिन लेटेस्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक एनपीसीआई ने WhatsApp Pay अब जितना चाहे नए यूजर्स कोजोड़ सकता है. WhatsApp Pay को थर्ड-पार्टी अप्लीकेशन प्रोवाइडर्स से जुड़े सभी यूपीआई गाइडलाइंस और सर्कुलर को मानना होगा.
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